लंदन
ऑस्ट्रेलिया में 57 मिलियन पाउंड (601 करोड़) मूल्य का आधा टन से अधिक कोकीन निर्यात करने के लिए ब्रिटिश-भारतीय मूल के दंपति का दोषी ठहराया गया है। जांच में पाया गया कि उन्होंने मादक पदार्थ को धातु के टूलबॉक्स में रखकर विमान से भेजा गया।
साउथवार्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के बाद जूरी ने 59 वर्षीय आरती धीर और 35 वर्षीय कवलजीतसिंह रायजादा को निर्यात के 12 मामलों और मनी लॉन्ड्रिंग के 18 मामलों में दोषी ठहराया।
पश्चिम लंदन के ईलिंग जिले के हैनवेल निवासी दंपति ने ऑस्ट्रेलिया को कोकीन निर्यात करने और मनी लॉन्ड्रिंग से इनकार करने वालों आज सजा सुनाई जाएगी। मई 2021 में सिडनी पहुंचने पर ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल द्वारा कोकीन पकड़े जाने के बाद राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के जांचकर्ताओं ने धीर और रायजादा की पहचान की थी।
ड्रग्स को यूके से एक वाणिज्यिक उड़ान के माध्यम से भेजा गया था और इसमें छह धातु टूलबॉक्स शामिल थे, जिन्हें खोलने पर 514 किलो कोकीन पाई गई। अधिकारियों को पता चला कि यह खेप धीर और रायजादा के पास थी, जिन्होंने ड्रग्स की तस्करी के एकमात्र उद्देश्य से विफ्लाई फ्रेट सर्विसेज नामक एक फ्रंट कंपनी की स्थापना की थी।
एनसीए ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों प्रतिवादी जून 2015 में कंपनी के गठन के बाद से अलग-अलग समय पर कंपनी के निदेशक रहे हैं। जब्त की गई ड्रग्स वाले धातु टूलबॉक्स के प्लास्टिक रैपिंग पर रायजादा की उंगलियों के निशान पाए गए, जबकि 2855 पाउंड मूल्य के टूलबॉक्स के ऑर्डर की रसीदें दंपति के घर से मिलीं।
एनसीए ने दावा किया कि जून 2019 से ऑस्ट्रेलिया को 37 खेप भेजी गई हैं, इनमें से 22 नकली रन थीं और 15 में कोकीन थी।
एनसीए के वरिष्ठ जांच अधिकारी पियर्स फिलिप्स ने कहा, आरती धीर और कवलजीतसिंह रायजादा ने यूके से ऑस्ट्रेलिया तक लाखों पाउंड मूल्य की कोकीन की तस्करी के लिए हवाई माल ढुलाई उद्योग के अपने अंदरूनी ज्ञान का इस्तेमाल किया, जहां उन्हें पता था कि वे अपने राजस्व को अधिकतम कर सकते हैं।