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नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने में ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रयास सराहनीय : ओम बिड़ला

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ऑनलाईन वेबीनार में लोकसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री शामिल हुए…
नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर युवाओं को देश के विकास में साझीदार बनाना बड़ी चुनौती:
रायपुर।
रक्षाबन्धन पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सोशल मीडिया यू-ट्यूब पर ऑनलाईन वेबीनार आयोजित किया गया, जिसका विषय था –वर्तमान परिवेश में नैतिक मूल्यों की रक्षा.
नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने में ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रयास सराहनीय : लोकसभा अध्यक्ष
वेबीनार में भाग लेते हुए नई दिल्ली से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देश के विकास के लिए जाति, धर्म और समाज से उपर उठकर नैतिक मूल्यों को अपनाकर आगे बढऩे में सभी की भागीदारी जरूरी है। यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं होती। इस दिशा में ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं का प्रयास सराहनीय है। यह संस्था न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि आदिवासी और जनजातीय क्षेत्रों में भी अच्छा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय नैतिक मूल्यों का तेजी से पतन हो रहा है। युवा पीढ़ी को नैतिकता, सत्यता, निष्ठा और अहिंसा जैसे मूलभूत गुणों की शिक्षा देना बहुत ही आवश्यक है। युवक देश की बहुमूल्य सम्पत्ति होते हैं और हम सौभाग्यशाली हैं कि विश्व में हमारा देश युवाओं का देश है। यहाँ पर पैंसठ प्रतिशत लोगों की औसत आयु पैंतीस वर्ष से कम है। इनकी उर्जा को सही दिशा में राष्ट्रहित में लगाने की जरूरत है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर उन्हें देश के विकास में साझीदार बनाना बहुत बड़ी चुनौती है।
00 नैतिक मूल्यों की अवहेलना से पैदा हुईं अनेक समस्याएं : मुख्यमंत्री बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि समाज में जितनी भी समस्याएं हैं वह सभी किसी न किसी नैतिक मूल्य की अवहेलना के कारण ही पैदा हुई हैं। आज ऐसे समाज का निर्माण करने की जरूरत है जिसमें हरेक व्यक्ति जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण किए हुए हो। समाज में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि नियमों का उल्लंघन करने में ही अपनी शान समझते हैं। वर्तमान समय नियमों का पालन करने के लिए आन्दोलन करने की जरूरत है। ऐसे समय पर ब्रह्माकुमारी संस्थान जैसे नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने वाली संस्थाओं की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान कोविड-१९ के दौरान हमेशा अपने को परमात्मा की छत्रछाया में सुरक्षित समझें। किसी भी प्रकार के व्यर्थ एवं हीन विचारों को मन में न आने दें।
उन्होंने रक्षाबन्धन की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश में प्रति वर्ष सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं लेकिन उसके बाद भी बहनें असुरक्षित क्यों हैं? लोग अपनी बहन की रक्षा तो चाहते हैं लेकिन दूसरों की बहन की रक्षा को अपना दायित्व नहीं समझते। इससे स्पष्ट है कि वह इस त्यौहार को रस्मी तौर पर मनाते हैं। रक्षाबन्धन हमें मन वचन कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है।
ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन से हमारे अन्दर नैतिक मूल्यों को धारण करने की शक्ति मिलती है। आध्यात्मिकता को अपनाए बिना जीवन में नैतिकता नहीं आ सकती। काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार आदि मनोविकार हमें तो दुखी करते ही हैं साथ ही दूसरों को भी कष्ट पहुंचाते हैं। इन विकारों से बचने के लिए स्वयं को आत्मा और परमात्मा की सन्तान समझें तो हमारे कर्मों में श्रेष्ठता आ जाएगी।
ओम शान्ति रिट्रीट सेन्टर नई दिल्ली की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का अभिप्राय शारीरिक रक्षा नहीं है। इसके पीछे छिपे गहरे अर्थ को समझने की जरूरत है। भाई अगर विदेश में रहता हो या छोटा हो तो वह भला अपनी बहन की रक्षा कैसे कर सकेगा? ब्राह्मण भी रक्षासूत्र बाँधते हैं इससे स्पष्ट है कि यह त्यौहार सिर्फ भाई-बहन तक ही सीमित नहीं है। अब की बार जब बहनें राखी बाँधें तो अपने भाइयों से यह वचन लें कि जैसे तुम मुझे बहन समझते हो निर्विकारी भाव से स्नेह करते हो वैसे ही सभी महिलाओं को अपनी बहन समझोगे।
अहमदाबाद से युवा प्रभाग की उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी ने कहा कि वर्तमान समय समाज में भौतिकता, प्रतिस्पर्धा और अनैतिकता का माहौल है। ऐसे समय पर केवल नैतिक मूल्यों द्वारा ही हमारी रक्षा हो सकती है। आत्म विश्वास हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। नियम और संयम उसमें और निखार लाते हैं। हमें समय के महत्व को जानकर उसे सही ढंग से उपयोग करना सीखना होगा।
शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर की निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि नैतिक मूल्यों के पतन का मुख्य कारण काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार है। संसार को सुखमय बनाने के लिए नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य जरूरी हैं। इस समय परमपिता परमात्मा हमें गीता ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर पांच विकारों से हमारी रक्षा करते हैं। उन्होंने कमेन्ट्री के माध्यम से राजयोग मेडिटेशन के द्वारा शान्ति का अनुभव भी कराया।
इस अवसर पर स्थानीय गायक स्वप्निल कुशतर्पण तथा कु. शारदा नाथ ने राखी पर स्वरचित गीत गाकर भाव विभोर कर दिया। साथ ही नगर के बाल कलाकारों ने शानदार मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। वेबीनार का संचालन ब्रह्माकुमारी रूचिका बहन ने किया।