Home देश पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री बोले- बहुत जल्द घोड़ी पर बैठने वाला हूं

पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री बोले- बहुत जल्द घोड़ी पर बैठने वाला हूं

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रायपुर.

बहुत जल्द मैं घोड़ी पर बैठने वाला हूं। कुछ बहनें फिजूल के बयान देकर मेरे नाम और सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। मैं उनसे प्रार्थना करता हूं कि माता-पिता और गुरु की आज्ञा सर्वोपरि होती है। हमारे सनातन धर्म और हमारी संस्कृती में खुद को निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। जो भी बहन ऐसा कर रही हैं, उनकी हाल सूपर्णखा जैसी है।

सूपर्णखा ने स्वयं निर्णय लिया था कि हम लक्ष्मण के साथ विवाह करेंगे, तो उसके नाक,कान कट गए, इसलिए नाक, कान कटवाने का प्रयत्न न करें। ये बातें बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने रायपुर में मीडिया से चर्चा में कहीं। बागेश्वरधाम सरकार ने कहा किहिंदू धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि हम सब हिंदू एक हैं। विदेशी लोग आते हैं तो कहते हैं मैं ब्राह्मण हूं, मैं ठाकुर हूं, मैं श्रत्रिय हूं, मैं वैश्य हूं पर पहला परिचय यह होना चाहिए कि मैं हिंदू हूं। इसके बाद कहीं जरूरत पड़ने पर जाति बताना चाहिए। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि हम कभी नहीं बताते कि हम शुक्ल हैं। हम ब्राह्मण हैं, हम सरयूपारी ब्राह्मण हैं। हमारी जाति शुक्ल है, पर हम एक ही बात करते हैं कि हम कट्टर सनातनी थे, हैं और रहेंगे।

'छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा बदल गई'
हमारा भारत मातृत्व प्रधान देश है। यहां गाय, गंगा, गायत्री, गौरी और भारत भी माता हैं। इसी देश में एक ऐसा प्रदेश है, जिसे हम मातृत्व दृष्टि से देखते हैं, उसे छत्तीसगढ़ महतारी कहते हैं। यह प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। माता कौशल्या का मायका है। यहां भगवान राजीवलोचन और दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी का दरबार है। यहां भोरमदेव जैसा प्राचीन स्थल है। जतमई और घटारानी जैसे तीर्थ स्थल हैं। ऐसी पावन धरती में प्रभु श्रीराम कण-कण में बसते हैं। राम ही यहां कण-कण में हैं, जहां शबरी माता विराजमान हुईं। उन्होंने श्रीराम को झूठे बेर खिलाए। पिछली बार मेरे धर्मांतरण को लेकर दिए बयान को विवादित कहा गया था पर अब वास्तविक रूप से छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा बदल गई है। अब नवीन ऊर्जा का संचार हुआ है। छत्तीसगढ़ में जो धर्म विरोधी धर्मांतरण कर रहे हैं, उनकी ठठरी और गठरी दोनों बांधे जाएंगे। युवा जग जाएंगे तो धर्मांतरण अपने आप रुक जाएगा।

'…तो ऐसे रुकेगा धर्मांतरण'
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मस्जिद में अन्य मजहब के लोग अपने मजहब की शिक्षा देते हैं। उसी प्रकार से भारत और छत्तीसगढ़ में रहने वाले मठों के महंत को, पुजारियों को और आचार्यों को पूरी तरह से एकजुट और मुखर होकर प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को बच्चों को अपने-अपने मंदिरों  और मठों में धर्म की शिक्षा देना शुरू करें तो धर्मांतरण अपने आप रुक जाएगा। पिछली बार जनवरी 2023 में गुढ़ियारी हनुमान मंदिर में हनुमान कथा प्रसंग को याद करते हुए बागेश्वरधाम सरकार ने कहा कि उस समय कुछ और हाल था। 2023 बदला, साल बदला और छत्तीसगढ़ का हाल बदला। हाल ऐसा बदला कि हम यहां सनातन धर्म की बयार लेकर आए। हम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से सीधा छत्तीसगढ़ आए हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। इससे बदलाव का दौर शुरू हो चुका है। यहां की सरकार बदल गई और लोगों के भाव बदल गए।

जाति गणना के सवाल पर चेताया
जाति गणना के सवाल पर बागेश्वर बाबा ने कहा कि जाति गणना नहीं होनी चाहिए। गरीब कितने हैं, परेशान कितने हैं, किनके मकान नहीं बने हैं। गरीब तो हर वर्ग में हैं। 90 प्रतिशत मार्क्स लाने वाला घर पर बैठा है, लेकिन जो वास्तविक गरीब हैं, जो वास्तविक परेशान, उनकी गणना की जाए, जिन्हें धान का रुपया नहीं मिला है, जिनके क्षेत्र में लाइट नहीं है, जहां सड़के नहीं बनी हैं। बस्तर क्षेत्र में कई जगहों पर सड़क नहीं बनी है, उनकी गणना की जाए। चेताते हुए कहा कि जातिवाद की गणना में भारत को बर्बाद न करें, ये रुपया पैसा की बर्बादी है। यह देश की मूर्खता है। 

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