रायपुर.
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर घमासान मचा हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे को इस मुद्दे पर घेरा है। दोनों पार्टी एक दूसरे पर हमलावर हैं। जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। कांग्रेस ने सरकार को चैलेंज करते हुए कहा कि राज्य सरकार चर्च की संख्या को लेकर श्वेतपत्र जारी करें। रमन सिंह और भूपेश बघेल के शासन काल में कितने चर्च बने, इस पर राज्य सरकार श्वेतपत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करे।
कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में कोई चर्च नहीं बना है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि भूपेश शासनकाल में एक आईपीएस ने सुकमा से पत्र जारी कर कहा था कि आदिवासियों की संस्कृतियों पर आक्रमण हो रहा है, ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करा रही है। क्या ये पत्र उन्होंने नहीं पढ़ा था? हम इन मुद्दों से सख्ती से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले दिनों एक शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम में कहा कि मिशनरियां का बोलबाला है। हेल्थ और एजुकेशन की आड़ में धर्मांतरण कर रहे हैं। सरगुजा और बस्तर में शिक्षा की अलग जगाना जरूरी है, जिससे धर्मांतरण रुकेगा और हिंदुत्व को ताकत मिलेगी। सीएम के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कांग्रेस की चुनौती पर कहा कि धर्मांतरण संवेदनशील मुद्दा है। भूपेश की सरकार में एक आईपीएस ने सुकमा से पत्र जारी किया था, उसमें कहा गया था आदिवासियों की संस्कृतियों पर आक्रमण हो रहा है। ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करा रही हैं। क्या ये पत्र उन्होंने नहीं पढ़ा था? भाजपा इस मुद्दे पर सख्ती से निपटने के लिए तैयार है।