भोपाल
राजधानी के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की शिफ्टिंग करीब दो साल पहले जनवरी, 2022 में नए भवन कोकता में हुई थी। आरटीओ परिसर कोकता में करीब तीन करोड़ रुपए की राशि से ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का निर्माण कराया गया था, लेकिन यहां पर अब तक ड्राइविंग लाइसेंस देने के पहले टेस्टिंग नहीं हो रही है।
ऐसे में अब खाली ट्रैक में लोग यहां पर क्रिकेट मैच खेल रहे हैं। परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि यह शासन द्वारा जनता के पैसों की बर्बादी करने का एक बड़ा उदाहरण हैं। करोड़ों रुपए खर्च करके बनाए गए इस ट्रैक का यह उपयोग गलत है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस ट्रैक में लगे कैमरों का सही तरीके से इस्टॉलेशन नहीं होने के कारण इस ट्रैक पर अभी काम नहीं किया जा रहा है।
शहर से 20 किमी दूर है नया आरटीओ भवन
आरटीओ शहर से दूर होने से लोगों को लाइसेंस बनवाने के लिए फोटो कराने के लिए 20 से 25 किमी तक की दूरी तय करनी पड़ रही है। वहीं ड्राइविंग ट्रैक शुरू नहीं होने से पुराने आरटीओ में भी ऑनलाइन आवेदन कराने के लिए कियोस्क के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आरटीओ दूर होने से रोजाना बनने वाले लाइसेंसों की संख्या में पहले की अपेक्षा कमी आई है। पहले रोजाना 350 तक ड्राइविंग लाइसेंस बनते थे, अब नए भवन में यह संख्या 300 तक रोजाना बन रहे हैं। हालांकि लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन बनने के कारण भी लोग आरटीओ कम पहुंचते हैं। जब पक्का यानी परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनना होता है, तब आवेदक आरटीओ जाकर अपनी फोटो खिंचवाते हैं।
एक नजर में नया आरटीओ भवन
03 करोड़ रुपए से कोकता में आठ के आकार को ऑटोमैटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बना है
300 से अधिक रोजाना ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं
350 तक रोजाना ड्राइविंग लाइसेंस बनाए सात नंबर कार्यालय में बनाए जाते थे
150 से अधिक ड्राइविंग लाइसेंसों का होता है नवीनीकरण