आधा किलो सोना, फर्जी आई.डी,कई एटीएम कार्ड सहित 25 लाख का सामान किया जब्त
दुर्ग भिलाई सहित मुंबई,राजस्थान के अलावा कई राज्यों में कर चुके हैं वारदात
भिलाई। दुर्ग पुलिस ने बांग्लादेशी अंतर्राज्यीय गिरोह को पकड़कर उनके पास से आधा किलो सोना, फर्जी आई डी एवं दुर्ग में रामकृष्ण सामंत ज्वेलर्स में हुए चोरी के घटना का नक्शा जब्त की है। चोरी के पैसों के लेन देन के कारण इनके 25 बैंक खातों को पुलिस ने सीज करवा दिया है। पुलिस ने चोर गिरोह के मुख्य सरगना सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये चोर गिरोह मुंबई, राजस्थान, बैंगलौर सहित छग के दुर्ग-भिलाई एवं राजनांद गांव में चोरी के घटना को अंजाम दे कर ये अब तक 3 किलो सोना सहित अन्य सामानों की चोरी कर चुके हैं। पुलिस इन आरोपियों से और पूछताछ कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार चोर गिरोह के सरगना शकूर अली 37 साल सहित शेख अकरम कासेम (30), जिन्नोट शेख उर्फ अजहर शेख उर्फ गोबेट उर्फ शफिजुल उर्फ बाघ (26), साहिल पोरे ऊर्फ रिजु (24) एवं समत खान ऊर्फ अभिजीत मंडल (23) को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले है जो फर्जी आई डी के माध्यम से यहां घुसपेठ कर चोरी के घटना को अंजाम देते थे। पुलिस ने आरोपियों से करीबन 411 ग्राम सोने की सिल्ली, सोने के आभूषण करीबन 50 ग्राम, 15 मोबाइल, करीबन 18 फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, अलग-अलग बैकों के एटीएम कार्ड और पासबुक सब मिलाकर करीब 25 लाख रूपए का सामान जब्त किया गया है।
दुर्ग के सामंत ज्वेलर्स ऐसे किये थे वारदात रामकृष्ण सामंत ज्वेलर्स में सोने की ज्वेलरी बनाने का काम कारीगरों द्वारा किया जाता है। 25 जून 2021 को पश्चिम बंगाल से अजहर शेख नाम का व्यक्ति कारीगर के रूप में काम करने आया। औऱ उसने 30 जून को ज्वेलर्स में कार्यरत अन्य कारीगरों के लॉकर को तोड़कर 800 ग्राम सोना चोरी कर ले गया। इस मामले में दुर्ग कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
दुर्ग एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार अंतरराज्यीय बांग्लादेशी चोर गिरोह का मास्टरमाइंड शुकुर अली कान्ट्रेक्ट कर अन्य सदस्यों को भेजकर चोरी कराता था। इससे पहले वह अपने दोस्त से गिरोह के सदस्यों के लिए फर्जी आईडी बनवाता था। पिछले 5 साल से शुकुर अली अपने गिरोह के साथ देश के अलग-अलग राज्यों में चोरियों की वारदात को अंजाम दे चुका है। आरोपी बैंगलोर, राजस्थान और मुम्बई में गिरफ्तार हो चुके हैं।
इस प्रकार देते थे वारदात को अंजाम पुलिस की पूछताछ में गिरोह का मास्टरमाइंड शुकुर अली ने बताया कि सभी सदस्यों की फर्जी आईडी बनाकर वारदात के लिए कारीगरों की आवश्यकता वाली जगहों पर भेजता था। इसके साथ ही आईडी के साथ जगह का नक्शा बनाकर पूरी जानकारी देता था। जिससे आरोपियों पर कोई शक ना करे। घटना को अंजाम देने के बाद चोरी करने वाले आरोपियों को साथ लेकर केसोड राजकोट में सोने की बिक्री कर देता था। सभी को खुद के द्वारा निर्धारित हिस्सेदारी देकर दोबारा, नए काम की तलाश में लग जाता था। चोरी के दौरान ट्रेन टिकट, होटल, खाने पीने का खर्च शुकुर अली के द्वारा खुद वहन किया जाता था। शुकुर के द्वारा जोधपुर राजस्थान, अंधेरी वेस्ट मुंबई, पाली राजस्थान, नांदेड राजस्थान, झावेरी बाजार मुंबई, बैंगलुरू और छत्तीसगढ़ के दुर्ग में अपने साथी समत, अजहर उर्फ जिन्नोट, साहिल पोरे, अकरम खान के साथ सुनियोजित योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया गया था।