इंफाल लखनऊ
बसपा से निलंबित सांसद दानिश अली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए मणिपुर पहुंचे हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस यात्रा में शामिल होने का फैसला किया क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं एकता, न्याय के लिए सबसे बड़े अभियान में शामिल नहीं हुआ तो मैं राजनेता के रूप में अपने कर्तव्य में असफल हो जाऊंगा। दानिश अली ने रविवार को एक के बाद एक कई ट्विट किए।
उन्होंने कहा कि यह न्याय दिलाने की और भारतवासियों को जोड़ने की यात्रा है। ये यात्रा देश की विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष है। राहुल जी ने पूरे देश को जोड़ने के लिए और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए यह यात्रा शुरू की है। इस लिये मैं आज राहुल जी के साथ खड़ा हूँ। सांसद दानिश अली ने कहा कि या तो यथास्थिति को स्वीकार करें और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित और गरीब वर्गों के शोषण को नजरअंदाज करें, या देश में भय, नफरत, शोषण और गहराते विभाजन के इस माहौल के खिलाफ चौतरफा अभियान शुरू करें।
उन्होंने कहा कि मेरी अंतरात्मा ने मुझे दूसरा विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया। यह निर्णय लेना मेरे लिए स्वाभाविक था क्योंकि मैं खुद संसद में इसी तरह के हमले का शिकार हुआ था, जहां सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य द्वारा मेरे और मेरे धर्म के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि अपने लिए न्याय और दोषी संसद सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की मेरी अपील अनसुनी कर दी गई। मेरे हमलावर को सज़ा देने के बजाय सत्ता प्रतिष्ठान ने उसे इनाम दिया। मुझे एहसास हो गया है कि मुझ पर हमला डर का माहौल पैदा करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा था।
सांसद ने कहा कि मेरा मानना है कि इस यात्रा का जो उद्देश्य है, उसकी पूर्ति करना हम सभी लोगों का, जो कि राजनीति और समाज सेवा के काम से जुड़े हुए हैं, असली उद्देश्य है। मैं इस यात्रा की सफलता की कामना करता हूं। बता दें कि बसपा सु्प्रीमो मायावती ने दानिश अली को बीते नौ दिसंबर को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया था।