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ज़िले के आंगनबाड़ी केंद्रों में 40 हज़ार पात्र बच्चों और 18000 गर्भवती शिशुवती महिलाओं परोसा जा रहा गर्म पौष्टिक भोजन

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महासमुंद/ लगभग चार माह बाद ज़िले के 1780 आंगनबाड़ी केन्द्र सोमवार 26 जुलाई से फिर से खुल गए है ।सिर्फ़ बसना और सरायपाली ब्लॉक के एक-एक केंद्र नही खुला है । इससे पहले कोविड-19 के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद रखते हुए हितग्राहियों को घर पहुंचाकर सूखा राशन दिया जा रहा था। शासन के निर्देशानुसर केंद्रों को दो पालियों में संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने सोमवार 26 जुलाई से जिले की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को कोविड-19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए फिर से शुरू करने के सशर्त निर्देश दिए । कंटेनमेंट जोन अथवा जिला प्रशासन द्वारा बंद करने का निर्णय लिए क्षेत्रों में आंगनबाड़ी संचालित नहीं होंगे।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री मनोज सिन्हा ने बताया कि गर्भवती शिशुवती महिलाओं 3 वर्ष से 6 वर्ष की बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन अलग-अलग समय पर प्रतिदिन दिया जा रहा है । इसके अलावा 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे,गर्भवती,शिशुवती,3 वर्ष से 6 वर्ष के गंभीर कुपोषित बच्चे एवं किशोरी बालिका पात्र हितग्राहियों को निर्धारित मात्रा में रेडी टू ईट (टेक होम राशन) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर पहुँचाया जा रहा है । मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत चिह्नांकित हितग्राहियों 6 वर्ष आयु तक के कुपोषित एवं एनिमिया से पीढित बच्चे और 15 – 49 आयु वर्ग की ऐनिमिया से पीड़ित महिलायें ज़िले के मेन्यू अनुसार उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है ।
 कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोलन के पहले सेनेटाईज करने, हितग्राहियों की स्क्रीनिंग करने, बीमारियों का प्रबंधन, मास्क पहने, फिजिकल डिस्टेंसिंग पालन करने, खाना पकाने के बर्तनों को साफ करने और भोजन पकाने के संबंध में शासन के दिशा-निर्देश का पूरी रथ पालन करने कहा है । इस संबंध में सभी पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं को प्रशिक्षण देने भी कहा गया है।
कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और सुपोषण अभियान के हितग्राहियों को आंगनबाड़ी आने की अनुमति दी गयी है । आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को भेजने हेतु पालकों की सहमति भी ली गयी है। केन्द्र में हितग्राहियों को अलग-अलग समूह में अलग अलग समय पर बुलाया जाएगा। एक समय में 15 व्यक्तियों से अधिक लोग भवन में नहीं होंगें।