बिलासपुर। स्टेट बार काउंसिल के पदाधिकारियों का कार्यकाल 5 वर्ष रखने और उन्हें दोबारा चुनाव लड़ने के नियम को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। 28 जुलाई को इस मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की कोर्ट में हुई।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि स्टेट बार में 5 साल और डिस्ट्रिक्ट बार में 2 साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद पदाधिकारी इसे अपना पेशा बना लेते हैं और बार-बार चुनाव में खड़े होते रहते हैं। वे चुनाव जीतने के तमाम हथकंडे अपनाते हैं और फिर से अपने और अन्य पदों पर वापस आ जाते हैं। इनमें ऐसे भी बहुत से अधिवक्ता रहते हैं जो प्रैक्टिस नहीं करते। बार के चुनाव अधिनियम में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। इसे देखते हुए हाई कोर्ट अधिवक्ता उत्तम तिवारी ने अधिवक्ता राजेश कुमार केशरवानी के माध्यम से एक पिटीशन हाईकोर्ट में दायर की है।
याचिका में मांग की गई है कि जो सदस्य एक बार 5 साल के लिए चुन लिया जाता है उसे अगले चुनाव में प्रत्याशी बनने से रोका जाए ताकि नए लोगों को मौका मिले। इससे बार काउंसिल के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। बार-बार एक ही व्यक्ति के चुने जाने के चलते बार काउंसिल में एकाधिकार स्थापित हो रहा है। कोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।