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सुशासन के अटल मंत्र पर छत्तीसगढ़ सरकार

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रायपुर
देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर प्रतिवर्ष देशभर में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिन छत्तीसगढ़ के लिए विशिष्ट होगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की नई सरकार नई पहल करते हुए अपनी नीतियों और योजनाओं को धरातल पर उतार रही है। इसी दिन राज्य सरकार यहां के 13 लाख किसानों को धान के दो वर्ष के बकाया बोनस का उपहार देगी। अनेक जनहितैषी योजनाओं के रूप में भी जनता को सौगात मिलेगी।

यह सुखद संयोग ही है कि नई राज्य सरकार के गठन की औपचारिक प्रक्रिया के पहले पखवाड़े का कामकाज सुशासन दिवस से शुरू होगा। पूरे छत्तीसगढ़वासियों के लिए यह गर्व और स्वाभिमान की बात है कि स्व. श्री अटल जी ने ही अपने प्रधानमंत्रित्व काल में छत्तीसगढ़ राज्य की संकल्पना को मूर्त रूप दिया था। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना अटल जी की ही देन है। उनके जन्मदिवस पर नई सरकार के कार्यक्रमों का शुभारंभ माननीय अटल जी के स्वप्नों को साकार करने की दिशा में एक सार्थक कदम है।

सुशासन से आशय सक्षम, न्यायशील और पारदर्शी शासन व्यवस्था से है। अटल जी का जन्मदिन सेवा, त्याग व समर्पण के लिए याद किया जाता है। वर्ष 2014 से इसे देशभर में मनाया जाता है। सुशासन दिवस के दिन कर्तव्य के शुचितापूर्ण पालन की शपथ भी ली जाती है। अटल जी के पदचिन्हों पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार शासन-प्रशासन में शुचिता, पारदर्शिता, जवाबदेही का विकास करने की दिशा में अग्रसर है।

छत्तीसगढ़ अपनी युवावस्था के दौर में है। इस ऊर्जा का उपयोग तीव्र गति से  समन्वित विकास में किए जाने की आवश्यकता है। राज्य की नई सरकार ने यहां की जरूरतों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। किसानों से 3100 रुपए की दर पर धान की खरीदी, युवाओं को रोजगार, महिलाओं की आर्थिक उन्नति व स्वावलंबन के लिए महतारी वंदन योजना आदि ऐसे सोपान हैं जो समाज की तरक्की के पायदान तय करेंगे।

अनुसूचित जनजााति बहुल प्रदेश को श्री विष्णुदेव साय के रूप में आदिवासी मुख्यमंत्री मिले हैं। उनके राज्य के मुखिया बनने से प्रदेश की पारंपरिक तथा सांस्कृतिक विरासत को नवीन आयाम मिलने की आशा की है। अनुसूचित जातियों तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण की प्राथमिकता की भावना सरकार के कामकाज में प्रतिध्वनित हो रही है। सुशासन की अवधारणा यही है कि सभी वर्गों खासकर वंचित तबकों को न्याय तथा सम्मान दिलाने की पहल की जाए।

सुशासन की स्थापना में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। प्रशासनिक व्यवस्था में इंटरनेट क्रांति से शुचिता और पारदर्शिता में वृद्धि, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण, मजदूरों और कृषकों के बैंक खाते में सीधे राशि का भुगतान, राजस्व और अन्य विभागों के आनलाइन पोर्टल, जनोपयोगी सुविधाओं की आनलाइन व्यवस्था से न सिर्फ व्यवस्था में पारदर्शिता आई है बल्कि प्रशासन से जनता की दूरी भी घटी है।

इस वर्ष सुशासन दिवस छत्तीसगढ़ की जनता को अनेक सौगातें देकर जाएगा। यह दिवस सबका साथ सबका विकास का मंत्र भी याद दिलाएगा। नई सरकार के कार्यकाल का यह दिवस राज्य में खुशहाली और विकास की ठोस बुनियाद रखेगा।

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