रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल भी मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियनम) के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरूआती तीन महीनों में ही साल भर के लक्ष्य का लगभग आधा काम पूरा कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा इस साल छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस रोजगार के लक्ष्य के विरूद्ध अप्रैल, मई और जून में कुल छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। यह पूरे वर्ष भर के लक्ष्य का 49.27 प्रतिशत है। प्रदेश के 21 जिलों में अप्रैल से जून तक के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया गया है। पूरे प्रदेश में पहली तिमाही के लिए निर्धारित छह करोड़ 21 लाख 94 हजार मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया है जो लक्ष्य का करीब 107 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य के विरूद्ध कार्य पूर्णता में छत्तीसगढ़ देश में छटवें स्थान पर है। कोरोना संक्रमण के कारण विपरीत परिस्थितियों में भी मनरेगा के माध्यम से प्रदेश में ग्रामीणों को लगातार रोजगार मिलता रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरूआती तीन महीनों में प्रदेश में करीब 22 लाख परिवारों के 39 लाख 34 हजार 242 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इनमें से 20 लाख सात हजार यानि 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। इस दौरान सृजित छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार में से तीन करोड़ 36 लाख 66 हजार मानव दिवस महिला श्रमिकों द्वारा सृजित किया गया है जो कि कुल सृजित मानव दिवस का 50.62 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक 71 लाख एक हजार मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान कबीरधाम जिले में 60 लाख 57 हजार, बलौदाबाजार-भाटापारा में 47 लाख 29 हजार, महासमुंद में 34 लाख 94 हजार, रायगढ़ में 32 लाख 48 हजार, बिलासपुर में 30 लाख 94 हजार, धमतरी में 30 लाख 78 हजार, जांजगीर-चांपा में 29 लाख 33 हजार, मुंगेली में 27 लाख 66 हजार, गरियाबंद में 24 लाख 53 हजार, कोरिया में 24 लाख 17 हजार, बालोद में 23 लाख 33 हजार, रायपुर में 20 लाख 76 हजार और जशपुर में 20 लाख 38 हजार मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया है। मनरेगा के अंतर्गत इस वर्ष अप्रैल, मई और जून में कांकेर जिले में कुल 19 लाख 40 हजार, बलरामपुर-रामानुजंगज में 18 लाख 56 हजार, बेमेतरा में 17 लाख 48 हजार, सूरजपुर में 16 लाख 79 हजार, कोरबा में 15 लाख चार हजार, सुकमा में 14 लाख 55 हजार, सरगुजा में 14 लाख 17 हजार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 13 लाख 58 हजार, दुर्ग में 13 लाख 46 हजार, कोंडागांव में 12 लाख 54 हजार, बीजापुर में 11 लाख 63 हजार, बस्तर में नौ लाख 89 हजार, दंतेवाड़ा में सात लाख 27 हजार तथा नारायणपुर में दो लाख 59 हजार मानव दिवस रोजगार दिया गया है।