रायपुर–मुंगेली/ कोई भी कार्यक्रम या आंदोलन चाहे वह छोटा हो या बड़ा, उसके आयोजन के लिए धनराशि की आवश्यकता होती हैं, ताकि कार्यक्रम या आंदोलन सफल हो सके, उसके लिए तथाकथित राजनीतिक लोगों द्वारा समय-समय पर चंदा भी वसूली जाती हैं, जिस पर बहुत पहले ही समाचार लगाया जा चुका हैं एवं समय-समय पर पत्रकारों द्वारा यह न्यूज़ प्रकाशित की जाती रही हैं।जानकारी एवं सर्वे के अनुसार मुंगेली जिले में कोई विधायक न होने से यहाँ कांग्रेस की बहुत ही बुरी स्थिति हैं क्योंकि किसी भी कार्यक्रम या आंदोलन के लिये जब खर्च की बात आती हैं तो कुछ को बड़ा नेता समझने वाले कुछ तथाकथित नेता अपनी जुबान सिल लेते हैं, और अधिकांश लोगों की निगाहें केवल एक ही शख्स पर टिकी रहती हैं और वह शख्स हैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और नपा के छाया अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी..। चर्चा के दौरान ही कुछ कांग्रेसियों ने बताया कि यदि कांग्रेस में हेमेंद्र गोस्वामी न हो तो कई आयोजन या कार्यक्रम होने ही बंद हो जाये, या रद्द कर दिए जाएं, क्योंकि हेमेंद्र गोस्वामी द्वारा ही अधिकांश अवसरों पर बेनर-पोस्टरों, मंच, स्वागत-व्यवस्था एवं अखबारों में विज्ञापनों के लिए एक अच्छी खासी रकम पार्टी के लिए निःस्वार्थ खर्च कर दी जाती हैं, ऐसे शख्स को कांग्रेस के लिए मसीहा कहा जा सकता हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के पार्टी की सेवा करते हुए एक बड़ी रकम कांग्रेस के आयोजन को सफल बनाने प्रदान किया जाता हैं। कांग्रेसियों के बीच यह बात भी छनकर आई हैं कि किसी कार्यक्रम या आंदोलन के लिए फंडिंग को लेकर पार्टी में मनमुटाव होते रहता हैं, बहरहाल अब देखना हैं कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मुंगेली जिले एवं शहर में आपसी गुटबाजी को लेकर कौन से कड़े कदम उठाती हैं ?