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कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर…इसीलिए जिले में नहीं हैं कांग्रेस का एक भी विधायक…क्या कांग्रेस की नैय्या डुबोने में ही जुटे हैं जिले व शहर के कांग्रेसी…?

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मुंगेली/ भूपेश सरकार को ढाई वर्ष पूरे हो गए हैं, और संगठनात्मक रूप से पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं, जहाँ एक ओर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को लाभ पहुँचाने का काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया मोहन मरकाम संगठन के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे जनविरोधी कार्यो सहित कई मुद्दे पर घेरने का प्रयास कर रही है, जिसके तहत समय समय पर प्रदेश के सभी जिलों, ब्लॉकों, शहरों को निर्देशित कर कार्यक्रम एवं आंदोलन की रूपरेखा स्पष्ट रूप से प्रेषित की जाती हैं परंतु मुंगेली जिले में पीसीसी के निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया जाता, कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की जाने की भी शिकायत मिली हैं, कई असंतुष्ट कांग्रेसियों ने बताया कि वर्तमान में कांग्रेस पार्टी केवल कुछ व्यक्ति-विशेष में ही सिमट कर रह गई हैं, इसका एक कारण उन्होंने यह भी बताया कि मुंगेली जिले में गुटबाजी अपनी चरम सीमा पर हैं, किसी भी कार्यक्रमों या आयोजनों में यहाँ फोटोबाजी ज्यादा होती हैं, और बैनरों में भी राजनीतिक गुटबाजी दिखाई देती हैं, कांग्रेसियों की गुटबाजी के चलते कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता जा रहा हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा, जिले एवं शहर में कांग्रेस संगठन की स्थिति काफी चिंताजनक हैं इसका असर आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में अवश्य पड़ेगा। कुछ कांग्रेसियों का कहना हैं कि वर्तमान में कांग्रेस नेताओं की फोटोबाजी, गुटबाजी और वरिष्ठ कांग्रेसियों की अनदेखी कहीं चुनावों में इन्हें भारी न पड़ जाए ?