जम्मू। जम्मू संभाग के अरनिया सेक्टर में सीमा पार से एक ड्रोन ने घुसने की कोशिश की। सतर्क बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन को मार गिराने के लिए करीब 20 से 25 राउंड फायरिंग की। जवानों की फायरिंग के बाद ड्रोन वापस चला गया।
बता दें कि सुबह करीब 4:25 बजे एक ड्रोन( हेक्साकॉप्टर) अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था। जिसे देखते ही बीएसएफ के जवानों ने उस पर गोलीबारी की। इस फायरिंग के कारण ड्रोन वापस लौट गया।
उधर, वायुसेना स्टेशन पर हमले के चार दिन बाद फिर से ड्रोन देखा गया। बुधवार रात 12:45 मिनट पर एयरबेस के ऊपर ड्रोन देखा गया। एनएसजी कमांडो ने कार्रवाई करने की कोशिश की, लेकिन ड्रोन गायब हो गया। एयरफोर्स प्रशासन की ओर से तत्काल पुलिस को भी जानकारी दी गई। प्रशासन को शक था कि कहीं आसपास से ही कोई इसे ऑपरेट कर रहा है।
एसपी साउथ जम्मू दीपक ढिंगरा का कहना है कि सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया। सूचना मिलते ही पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और सुबह 3 बजे तक आसपास के क्षेत्रों में तलाशी की गई।
सूत्रों का कहना है कि ड्रोन हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई है। आशंका इसकी भी है कि हमला करने वाले ड्रोन पाकिस्तान से भेजे गए हों। इसके लिए मकवाल बॉर्डर को रूट माना जा रहा है। एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि ड्रोन को आतंकी संगठन लश्कर के लिए काम करने वाले किसी आतंकी या ओजी वर्कर ने एयरबेस के पास से तो संचालित नहीं किया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 27 जून को हुए हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई है जिसके पीछे लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद और आईएसआई का हाथ है। इस हमले की प्लानिंग लश्कर के ही बनाए गए अन्य संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने की है। टीआरएफ ही इस तरह के हमलों को अंजाम देने की साजिशें रचता है।
कटर के साथ नीचे सामान फेंकता है ड्रोन
सूत्रों का कहना है कि ड्रोन के साथ पेलोड होकर आने वाला सामान रिमोट से फेंका जाता है। इसके नीचे एक तेज कटर लगा होता है, जो कमांड देने पर पेलोड की गई वस्तु को काटकर नीचे फेंक देता है।
शहर के नरवाल क्षेत्र से पकड़े गए टीआरएफ के आतंकी नदीम उल हक का वायुसेना स्टेशन पर हुए हमले में हाथ होने का शक है। नदीम से मिली पांच किलो आईईडी जम्मू में ही दी गई थी। इस आईईडी को नदीम ने अलग-अलग लोकेशन में लगाकर धमाके करने थे। इससे पहले ही वह पकड़ा गया।
सूत्रों का कहना है कि वायुसेना स्टेशन पर हुए हमले की जांच करने वाली एनआईए की टीम जल्द ही नदीम से पूछताछ कर सकती है। नदीम इस हमले की जानकारी दे सकता है। हमले के पीछे लश्कर के नए संगठन टीआरएफ का हाथ बताया जा रहा है और नदीम टीआरएफ के लिए काम करता है। हमले को पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों ने अंजाम दिया है। वहीं नदीम भी पाकिस्तान में बैठे टीआरएफ के हैंडलरों के संपर्क में था।