रायपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राजधानी सहित बड़े शहरों में स्थित मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल की सुविधा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराने की पहल निजी चिकित्सा संस्थानों के जरिए किये जाने को सराहनीय पहल बताते हुए सारांश शुक्ला ने कहा कि आदिवासी बहुल प्रदेश होने के कारण दूर दूर से अपनी बीमारी के इलाज के लिए ग्रामीणों को रायपुर बिलासपुर भिलाई सहित अन्य शहरों में भटकना पड़ता है जानकारी के अभाव में कई ग्रामीण मरीज लाखों रुपये अपनी बीमारी के इलाज में व्यय करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट हास्पिटल खोलने के निर्णय को अच्छा निर्णय बताते हुए इसे प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करने की महत्वपूर्ण पहल बताया है साथ ही शुक्ला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट अस्पतालों के लिए भी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चिकित्सा शुल्क, जांच शुल्क आदि का निर्धारण तत्काल करना चाहिए। अपने ही गांव में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपलब्ध होने पर जहां ग्रामीण शहरों में भटकने से बचेंगे। वहीं घर में रहकर मरीज का इलाज कराने में उन्हें सुविधा होगी।
शुक्ला ने ढाई साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री द्वारा मेडिकल मोबाइल यूनिट के जरिए आम लोगों को इलाज उपलब्ध कराने सहित अन्य महत्वपूर्ण जांच सुविधाओं में इजाफा करते हुए प्रदेश के लगभग अधिकांश अस्पतालों में एक्सरे मशीन के साथ ही सोनोग्राफी टेस्ट पेरिटोनियल डायलिसिस एवं अन्य पैथोलाजिकल टेस्टों की सुविधा में इजाफा किया है। शासन को निजी अस्पताल के बराबर ही न्यूनतम मूल्यों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होती है तो वे अपने मरीजों को इलाज के लिए जहां निजी अस्पतालों में जाने से बचेंगे। वहीं सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं का लाभ भी उन्हें प्राप्त होगा।