13 सदस्यीय समिति ने आज सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की मार्कशीट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सीबीएसआई ने बताया कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड के रिजल्ट को 12वीं के फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। सीबीएसई ने कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी।
12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा। 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र, सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) को 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम घोषित करने के मानदंड के बारे में सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। सीबीएसई ने अब स्कूल बेस्ड असेसमेंट और प्रैक्टिकल टेस्ट के मोड में बदलाव को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को लंबित आंतरिक या व्यवहारिक परीक्षाओं को ऑनलाइन पूरा करने के लिए कहा है।
कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। अब बोर्ड की ओर से कक्षा 12 के छात्रों के लिए मार्किंग पॉलिसी आना बाकी है। बोर्ड अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि सीबीएसई बोर्ड 12वीं के छात्रों को मार्क्स के बजाए ग्रेड देने के सुझाव पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार समिति आज यह क्राइटेरिया सुप्रीम कोर्ट में रखेगा।
बोर्ड को सीबीएसई को कक्षा 12 के ऑप्शनल असेसमेंट के लिए स्कूलों से अलग-अगल सुझाव मिल रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि छात्रों को मार्क के बजाय इस साल ग्रेड दिया जाए। बारहवीं के रिजल्ट के लिए कहा जा रहा है कि इसमें प्री बोर्ड, 10वीं और 11वीं के नंबर जोड़कर इसे तैयार किया जा रहा है। अब यह आज पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।
बता दें कि गत 4 जून को सीबीएसई ने असेसमेंट पॉलिसी तय करने के लिए 13 सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। समिति को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दस दिन का समय दिया गया था। रिजल्ट को लेकर कई तरह के असेसमेंट पर बात हो रही है, इसमें एक तरीका ये भी है कि बोर्ड 10वीं के फाइनल मार्क्स और 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर भी रिजल्ट तैयार कर सकता है। इसके अलावा सरकार ने पहले ही ये तय कर दिया था कि अगर छात्र अपने रिजल्ट से खुश नहीं हैं तो कोरोना से बिगड़े हालात सामान्य होने पर इसमें अंक सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे।