बिलासपुर संभाग/ शासकीय जमीनों की नीलामी वाले एक जनहित याचिका पर छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के चीफ़ जस्टिस न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के बैंच में सुनवाई हुई। जिसमें याचिकाकर्ता सुशांत शुक्ला की ओर से अधिवक्ता रोहित मिश्रा एवं राज्य सरकार की ओर से वी आर तिवारी (अतिरिक्त महाधिवक्ता), चंद्रेश श्रीवास्तव (उप महाधिवक्ता) ने पैरवी की। उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता सुशांत शुक्ला के अधिवक्ता रोहित मिश्रा ने राज्य सरकार के द्वारा अभी तक पुरे प्रदेश के सभी ज़िलों में शासकीय भूमि के नीलामी के तहत किये गये आंबटन एंव उसके हितग्राहियों की सूची की माँग करते हुये आपत्ति की, जिस पर उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश प्रंशात मिश्रा द्वारा विषय की गंभीरता को दुष्टिगत रखते हुये राज्य शासन को अब तक पुरे प्रदेश में नीलाम की गई कुल ज़मीनों/कितने आंबटन एवं संबंधित प्रक्रिया, हितग्राहियों की सम्पूर्ण सूची चार हफ़्ते में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश शासन को दिया है। संबंधित याचिका के याचिकाकर्ता सुशांत शुक्ला ने इस विषय पर यह कहा है कि उच्च न्यायलय ने एक सुंसंगत आदेश जारी किया है जिससे छत्तीसगढ में सरकार के सरंक्षण में भू माफ़ियाओं एंव सत्ताधारी दल से जुड़े ज़मीन के बड़े व्यापारी के नाम उजागर होंगे और न्यायालय के द्वारा जॉच उपरांत देश के सबसे बड़े ज़मीन घोटाले का पर्दाफ़ाश होगा।