बिलासपुर संभाग/ सियाराम साहू की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा थानेश्वर साहू को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाने और याचिकाकर्ता को हटाने के आदेश को अपास्त कर दिया है। आपको बता दे कि याचिकाकर्ता सियाराम साहू को 28 जुलाई 2018 में छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के पद पर तत्कालीन सरकार द्वारा नियुक्ति की गई थी, उन्होंने 4 अगस्त को पद भार ग्रहण किया। पूर्व भाजपा की छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा याचिकाकर्ता सियाराम साहू की नियुक्ति पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष के रूप में 3 वर्ष के लिए की गई थी, इनका कार्यकाल 4 अगस्त 2021 तक था, लेकिन राज्य में सत्ता बदलते ही उन्हें पिछले साल ही इस पद से हटा दिया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के इस फैसले को सियाराम साहू ने अपने वकील सतीश गुप्ता एवं यू. एन. एस. देव के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में सियाराम साहू ने अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार पर द्वेषपूर्वक उन्हे पद से हटाने का आरोप लगाया था। उन्होंने हाईकोर्ट से मांग की थी कि राज्य सरकार के इस फैसले को रद्द किया जाये।
याचिका पर जस्टिस पी सेम कोसी की एकलपीठ में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस के बाद राज्य सरकार द्वारा थानेश्वर साहू को पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष बनाने का आदेश और सियाराम साहू को हटाने का आदेश समाप्त कर याचिका स्वीकार कर ली। हाइकोर्ट ने यह पाया कि समय से पहले ही सियाराम साहू को राज्य सरकार ने हटा दिया था।