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सीएम हॉस्पिटल भिलाई मुद्दे पर चंदूलाल चन्द्राकर के प्रपौत्र ने की राज्यपाल से मुलाकात

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भिलाई। चंदुलाल चन्द्राकर के पौत्र अमित चन्द्राकर ने राज्यपाल सुश्री अनसूईया उइके से मुलाकात कर प्रदेश के एक बड़े निजी चंदुलाल चंद्राकर अस्पताल व मेडिकल कालेज , नगर निगम और सरकारी बैंक इण्डिया बैंक के बीच एक घोटाले की जांच को लेकर महामहिम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अमित चन्द्राकर ने आरोप लगाया कि मेडिकल कालेज के डायरेक्टरो में मिलकर नेहरू नगर स्थित चंदुलाल चन्द्राकर अस्पताल की जमीन जो की नगर निगम की जमीन है जिसे साडा कार्यकाल में अस्पताल के नाम जनता को सस्ता व सुलभ इलाज का वादा कर कौडिय़ों के दाम लीज़ पर लिया गया था उस पर कोई भी लोन अथवा बेचने या स्थानांतरण का अधिकार नही दिया गया था ना ही लीज़ अग्रीमेंट में लोन लेने जैसे अधिकार डायरेक्टरों को दिए गए थे* उसके बाद भी अस्पताल के डायरेक्टरो ने मिलकर मेडिकल कालेज खोलने के नाम पर उक्त लीज भूमि जो सरकारी भूमि है को बैंक में गैरकानूनी रूप से निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र बिना बैंकों से लोन ले लिया और बैंकों ने लोन दे भी दिया जो संदेहास्पद है। उस लोन के पैसे से निजी मेडिकल कालेज कचांदुर में खोल शिक्षा का व्यवसायीकरण किया गया साल 2016 के बाद मेडिकल कालेज कचांदुर को मान्यता नही मिली जिसके बाद कालेज के प्रबंधको ने बैंक का ऋण न चुका ना सिर्फ कॉलेज और अस्पताल की डिफॉल्ट में डाल दिया बल्कि चंदूलाल चंद्राकर के नाम को खराब करने में भी कोई कसर नही छोड़ी ।जिसके फलस्वरूप इंडियन बैंक ने निगम की सम्पत्ति पर नोटिस चस्पा कर अस्पताल को कुर्की में डाल दिया जो कि पूर्ण रूप से असवैधानिक कार्यवाही है।
अमित चन्द्राकर ने कहा कि सरकार ने हाल ही में इस निजी मेडिकल कालेज को अधिग्रहण करने की घोषणा की जो सरकार का ना सिर्फ गलत फैसला है अपितु अस्पताल के लुटेरों को बचाने की एक साजिश है।अमित ने बताया कि उन्होंने पिछले डेढ़ साल से सरकार सहिंत निगम कमिश्नर और मंत्री को कई पत्र लिखे और मीडिया के माध्यम से आगाह और संज्ञान लेने की अपील की जिसे भी सरकार ने नजऱअंदाज़ करके अधिग्रहण की घोषणा कर दी। अमित ने कहा की सरकार द्वारा एक विवादित एवं असवैधानिक परिसर में हस्तक्षेप करने की मंशा समझ नही आ रही इतनी जल्दबाजी में बिना जांच व मामले को संज्ञान में लिए बिना अधिग्रहण भी एक सोची समझी साजिश व अस्पताल के लुटेरों को बचाने की साजिश नजर आती है। उन्होंने कहा कि सारे दस्तावेज सरकार को पोस्ट और ईमेल के माध्यम से दे दिया गया है।*
उस आधार पर सरकार की अनदेखी के चलते इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर जांच की मांग को लेकर महामहिम से मुलाकात की और सारे दस्तावेज राज्यपाल को सौंपने की जानकारी अमित चन्द्राकर ने दी*उन्होंने अस्पताल नेहरू नगर चौक व कालेज कचांदुर से सभी डायरेक्टरों की सम्पत्ति की जांच सहिंत बैंक का कर्ज जनता की गाड़ी कमाई जो जनता की सेवा हेतु है से सरकार द्वारा न कर्ज न पटाकर डायरेक्टरों की संपत्ति कुर्क कर वसूली जाने की मांग की।