मुंगेली/ नगर पालिका क्षेत्र में यदि भवनों व दुकानों का निर्माण किया जाता हैं तो सबसे पहले नगर पालिका से अनुमति लेना अनिवार्य होता है, किंतु मुंगेली नगर में इन दिनों नगर पालिका के बगैर अनुमति व एनओसी के दुकानों और भवनों का धडल्ले से निर्माण किया जा रहा है। आपको बता दे कि शहर में एक स्कूल भी हैं जो निर्धारित मापदंडों को पूरा किये बगैर बनवा लिया गया हैं और नगर पालिका द्वारा अनुमति भी नहीं ली गई हैं, यही हाल सिंधी कॉलोनी चौक में बन रहे एक बड़े दुकान व मकान का हाल हैं, जिसमें नगर पालिका से यह जानकारी मिली हैं कि उसे अभी निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी गई हैं, आवेदन प्राप्त हुआ था जो अभी प्रक्रियाधीन हैं। अब यह समझ में नहीं आता कि जब नगर पालिका का संबंधित स्टाफ जब खुद जानकारी दे रहा कि उस मकान व दुकान की अनुमति नहीं दी गई हैं तो किसकी शह पर यहाँ दुकान व मकान का निर्माण हो रहा, नगर पालिका चुप क्यों बैठी हैं ? क्या ऐसे मामलों में किसी नेता या अधिकारियों का इन्हें संरक्षण प्राप्त हैं ? ऐसे कई तरह के सवाल सभी के मन में उठ रहे ? जानकारों ने बताया कि नगर पालिका के बगैर अनुमति के कराए जा रहे निर्माण कार्यो की वजह से राज्य सरकार को भी राजस्व क्षति हो रहीं है, और नगर पालिका को भी आर्थिक क्षति हो रही हैं, क्योंकि निर्माण कार्यो में जो निर्धारित शुल्क देय होता हैं वह विकास कार्यो एवं श्रम कल्याण के लिए ही उपयोग किया जाता हैं।
उसी प्रकार नगर पालिका क्षेत्र में नवागढ़ रोड के पास और SNG कॉलेज परिसर के पास में भी अवैध प्लाटिंग की जा रहीं हैं, जिस पर नगर पालिका द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रहीं। इस चुप्पी का कारण समझ से परे हैं, मुंगेलीवासियों का मानना हैं कि मुंगेली नगर पालिका में तेजतर्रार और अनुभवी CMO की नियुक्ति की जानी चाहिए ताकि शहर का कुछ तो भला हो सके।