मुंगेली/ वर्तमान समय में मुंगेली की राजनीति बहुत ही उलझी हुई हैं, क्योंकि नगर पालिका में जिस तरह की खींचतान मची हुई हैं उससे शहर का विकास कार्य ठप्प है। पहले भाजपा-कांग्रेस आमने सामने थी, परंतु वर्तमान परिदृश्य ऐसा हो गया है जिसमें अब भाजपा का जनप्रतिनिधि अपने ही पार्टी के कुछ असंतुष्ट जनप्रतिनिधियों से जूझ रहा है। आपको बता दें कि नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो अपने ही पार्टी के कुछ पार्षदों से प्रताड़ित हो रहे हैं ? ऐसे रूष्ट जनप्रतिनिधियों को मनाने पार्टी के बड़े नेता या पदाधिकारी सामने नहीं आ रहे हैं बल्कि इस माहौल का मजा ले रहे हैं ?
अभी हाल ही में शहर की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिसके चलते भाजपा की ओर से विजयी हुए नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को नगर पालिका में अपने दायित्वों और कर्तव्यों के निर्वहन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर अपने ही पार्टी के कुछ जनप्रतिनिधियों के चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं, ऐसे में पार्टी के बड़े नेताओं को संज्ञान लेकर अपने पार्टी में हो रहे मनमुटाव को दूर करना चाहिए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर पालिका मुंगेली के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर द्वारा दिनांक 01.06.2021 को भाजपा के मुंगेली जिलाध्यक्ष को एक आग्रह पत्र देते हुए कहा गया कि
“भगवान की असीम कृपा एवं पार्टी के सहयोग से ही वर्तमान में मैं नगर पालिका परिषद मुंगेली के अध्यक्ष पद पर आसीन हॅू, इसके लिए मैं संगठन का ऋणी हॅू किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि हमारे पार्टी के ही एक दो पार्षद एवं सदस्य वांक्षित लाभ की पूर्ति नही होने पर सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाटसएप) के माध्यम से अनर्गल आरोप एवं अध्यक्ष पद से हटाने की लगातार धमकी दे रहे हैं।” नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने इस मामले में उचित कार्यवाही करने भाजपा जिलाध्यक्ष से आग्रह किया है। साथ ही सांसद महोदय, विधायक और भाजपा के नगर अध्यक्ष को आग्रह पत्र की प्रतिलिपि भी दी हैं, इस आग्रह पत्र सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ, उक्त आग्रह पत्र को भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम प्रेषित करने की पुष्टि स्वयं नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने की है।
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एवं नाम न बताने की शर्त पर एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि इस आग्रह पत्र के बाद भाजपा पार्टी की ओर से एक बेहद ही गोपनीय बैठक आयोजित की गई जिसमें नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर छोड़ बाकी 11 भाजपा पार्षदों को बुलाया गया था और उनके यह पूछा गया कि उन्हें नपा अध्यक्ष पसंद हैं या नहीं ? जिसमें 4 पार्षदों ने लिखकर दे दिया कि उन्हें अध्यक्ष पसंद नहीं हैं, उसके बाद मीटिंग आगामी समय के लिए टाल दिया गया, जानकारी मिली है कि शेष बचे 7 पार्षदों में मीटिंग उपरांत किसी भी तरीके से 6 और पार्षदों की सहमति जुटा ली गई, अब केवल एक भाजपा पार्षद बचा जो नपा अध्यक्ष के समर्थन में था। इन सभी बातों की पुष्टि हेतु भारत-भास्कर के पास साक्ष्य मौजूद हैं, जिसकी पुष्टि इस जनप्रतिनिधि ने की हैं, जो इस समाचार का मुख्य एवं गुप्त आधार हैं।
इन सभी मामलों में एक बात और विचारणीय हैं कि भाजपा के जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पार्षदों एवं अध्यक्ष को आमने-सामने बैठाकर समस्याओं का निराकरण करना उचित क्यों नहीं समझा गया ? क्या वाकई कुछ पार्षदों के चलते पूरी संगठन झुक रही हैं ? 6 दिन बीत जाने के बाद भी नपा अध्यक्ष द्वारा जिलाध्यक्ष के नाम दिए गए आग्रह पत्र में उचित कार्यवाही क्यों नहीं की गई ? अगर कार्यवाही की गई तो पार्टी के पदाधिकारियों को इस बात व पत्र का खंडन करना था, क्योंकि सोशल मीडिया में कहीं न कही पत्र वायरल भी हुई है जिससे भाजपा की अंदरूनी लड़ाई भी दिखाई दे रही है। राजनीतिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष सहित सांसद, विधायक, नगर भाजपा अध्यक्ष को दिए गए आग्रह पत्र पर कोई उचित कार्यवाही नहीं होती है तो हो सकता है नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर भाजपा छोड़ दूसरी पार्टी में जा सकते हैं ? जिसकी अभी हाल ही में शहर में चर्चा हो रही है और दूसरी पार्टी के राज्य स्तर के नेता भी इसमें सक्रिय दिख रहे हैं, दबी जुबान यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अपनी पार्टी से उपेक्षित होकर नपा अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं ? अब देखना यह हैं कि क्या भाजपा अपने नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के पद और सम्मान को बनाये रखती है या अपनी ही पार्टी की छबि जनता की नजर में खराब करती है ?
इस मामले में नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कहा कि उनके द्वारा भाजपा के जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष सहित सांसद और विधायक को लिखित आग्रह पत्र देकर कार्यवाही की मांग की गई हैं।
इस मामले में भाजपा के जिलाध्यक्ष शैलेश पाठक ने कहा कि नपा अध्यक्ष ने लेटर दिया हैं जिसके चलते पार्षदों को बुला कर पूछा गया था, यह मामला भाजपा पार्टी सुलझा लेगी, अगर ऐसी कुछ विवाद की स्थिति आती हैं तो पार्टी एक्शन जरूर लेगी।