असम
असम सरकार ने कहा कि वह राज्य में मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करेगी। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
शर्मा ने ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अल्पसंख्यक मामले एवं छार क्षेत्र निदेशालय के माध्यम से मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन किया जाएगा।” मंत्रिमंडल की बैठक में छार क्षेत्र विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामले एवं छार क्षेत्र, असम करने के निर्णय लिया गया।
कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित होने वाली पारंपरिक भैंसे और सांडों की लड़ाई की अनुमति देने के लिए विस्तृत प्रक्रिया/मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। एसओपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जानवरों पर जानबूझकर यातना या क्रूरता न की जाए। हर साल होने वाली भैंस की लड़ाई के दौरान आयोजकों द्वारा जानवरों का ध्यान रखा जाए। बता दें, ये सदियों पुरानी असमिया सांस्कृतिक परंपरा का एक हिस्सा है।