मुंगेली/ ऐसा लगता हैं मानो मुंगेली अवैध प्लाटिंग मामले में रिकॉर्ड तोड़ देगा, क्योंकि जिस हिसाब से यहाँ अवैध प्लाटिंग की बढ़ोत्तरी हो रही हैं उसे देख यही लगता हैं कि कहीं न कहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों का सरंक्षण प्राप्त है। जिला बनने के बाद से ही मुंगेली अवैध कालोनाईजरों के शिकंजे में है, और जिला प्रशासन द्वारा कोई विशेष कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुंगेली में भू-माफियाओं, जमीन दलालों द्वारा शासन प्रशासन के नियमों-कायदों को नजर अंदाज करते हुये उनके ही संरक्षण में अवैध रूप से प्लाटिंग कर तथा अवैध कालोनी विकसित कर आम जनता जो बेवकूफ बनाया जा रहा हैं। शहर व ग्रामीण में गिने चुने ही है जो कालोनाईजर का लाईसेंस बनवा पाये है और वे भी टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है, और यदि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से भी अनुमति मिल गई है तो उनके द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत, कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है और इस पर नगर पालिका, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुये है।
अभी हाल ही में नवागढ़ रोड में एक मिल संचालक के द्वारा अवैध प्लाटिंग किये जाने की जानकारी मिली हैं, जहाँ नियम-कानून को दरकिनार करते हुए प्लॉट काटा जा रहा, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्लाटिंग पर प्रवेश वाला जो जगह हैं उसे शासकीय जमीन होना बताया जा रहा, ये जांच का विषय हैं कि वह सामने की जमीन निजी हैं शासकीय ? इस अवैध प्लाटिंग के पास वर्षो पुराने पेड़ों को भी काटा गया हैं, और भी पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही हैं, अक्सर देखा गया हैं कि अवैध प्लाटिंग करने जमीन दलाल पेड़ों की कटाई कर देते हैं और उसे आंधी-तूफान में टूट जाने पर काट देने का भी बहाना करते हैं। जानकारी मिली हैं कि इस जगह में जो अवैध प्लाटिंग की जा रही उसका मुख्य व्यक्ति एक मिल संचालक हैं, जिसके द्वारा यह गैरकानूनी रूप अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं और एक विशेष वर्ग के ही लोगों को यह जमीन बेचे जाने की जानकारी भी सामने आ रही हैं। अब देखना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी केवल औपचारिकता निभाते है या कोई कड़ी कानूनी कार्यवाही भी करते हैं।