नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत की 7.7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों का प्रतिबिंब है। मोदी ने यहां आयोजित ‘इनफिनिटी फोरम 2.0' सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक- सिटी' (गिफ्ट सिटी) को नए युग की वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना चाहती है।
'पूरी दुनिया को भारत से उम्मीदें'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत ने 7.7 फीसदी की जीडीपी वृद्धि हासिल की है…आज पूरी दुनिया की उम्मीदें भारत पर टिकी हैं और यह सिर्फ अपने आप नहीं हुआ। यह भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों का भी प्रतिबिंब है।” उन्होंने कहा, “इन सुधारों से देश की आर्थिक नींव मजबूत हुई है। कोविड-19 महामारी के दौरान जब अधिकांश देश केवल राजकोषीय और मौद्रिक राहत पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, हमने दीर्घकालिक वृद्धि और आर्थिक क्षमता के विस्तार पर ध्यान दिया।” उन्होंने कहा, इस साल सितंबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया था कि भारत की वजह से वैश्विक वृद्धि दर 16 फीसदी रहेगी। मोदी ने कहा कि विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत से काफी उम्मीदें हैं। विश्व आर्थिक मंच ने कहा है कि भारत में लालफीताशाही कम हो गई है और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण में नेतृत्व प्रदान करने के लिए मजबूत स्थिति में है।
फिनटेक बाजारों में से एक है भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) बाजारों में से एक है और ‘गिफ्ट' अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) इसके केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘गिफ्ट सिटी' में वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी दुनिया का प्रवेश द्वार और इसकी प्रयोगशाला बनने की क्षमता है। उन्होंने विशेषज्ञों से हरित ऋण के लिए एक बाजार तंत्र विकसित करने पर अपने विचार साझा करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, “आज दुनिया जिन चुनौतियों का सामना कर रही है उनमें सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन है।
भारत ने दुनिया के सामने नई प्रतिबद्धताएं जताई
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते भारत भी इन चिंताओं के प्रति बहुत सचेत है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन (कोप28) शिखर सम्मेलन में भारत ने दुनिया के सामने नई प्रतिबद्धताएं जताई हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लागत प्रभावी वित्त उपलब्ध कराना होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के पारंपरिक गरबा नृत्य को यूनेस्को की ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची' में शामिल करने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी।