तमिलनाडु
दिसंबर की शुरुआत से ही मौसम का अपना अलग रंग दिखाने लगा है। देश के किसी हिस्से में तीखी धूप तो कहीं घने बादलों के साथ बारिश भी हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसी जगह से ठंड पर अभी तक थोड़ा विराम लगा हुआ है। अगर अगले 24 घंटे की बात करें तो इस दौरान भी मौसम में कोई खास बदलाव होता नहीं दिख रहा है। इस बीच, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव चक्रवातीय तूफान मिचौंग में तब्दील हो गया है। मिचौंग के तीव्र होने और मंगलवार को दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की आशंका है। इससे पहले आज यह उत्तरी तमिलनाडु तट से गुजरने वाला है। तूफान के चलते राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। मंगलवार को भी इन इलाकों में भारी बारिश होने हो सकती है। इसे देखते हुए तमिलनाडु के 4 जिलों (चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू) में सार्वजिक अवकाश घोषित कर दिया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि मिचौंग तूफान के मद्देनजर संभावित स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। सरकार ने कहा कि उसने पर्याप्त संख्या में आपदा मोचन बल के जवानों को तैनात किया है और संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत केंद्र भी तैयार हैं। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, कावेरी डेल्टा क्षेत्रों के अलावा, राज्य के उत्तरी और अन्य तटीय क्षेत्रों में सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ 121 बहुउद्देशीय केंद्र और 4,967 राहत शिविर तैयार किए गए हैं। अकेले चेन्नई में 162 राहत केंद्र तैयार किए गए हैं और ऐसे एक केंद्र में 348 लोगों को रखा गया है। साथ ही 714 पंप निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए तैयार हैं। तमिलनाडु आपदा मोचन बल की 350 सदस्यों की 14 टीम और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)की 225 कर्मियों की 9 टीम राहत और बचाव कार्यों के लिए मयिलादुथुराई, नागप्पट्टिनम, तिरुवल्लूर, कडलूर, विल्लुपुरम, कांचीपुरम, चेंगलपेट और चेन्नई के तटीय क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।
आपात स्थिति के लिए 3 लाख से अधिक बिजली के खंभे
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन और बिजली मंत्री थंगम थेनारासु ने स्थिति को संभालने के लिए राज्य की तैयारियों का निरीक्षण किया। थेनारासु ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सरकार पर्याप्त श्रमिकों और उपकरणों के साथ तैयार है। करीब 1,500 कर्मचारियों को तैयार अवस्था में और 3 लाख से अधिक बिजली के खंभों को आपात स्थिति के लिए रखा गया है। इनके अलावा आवश्यक वाहन और क्रेन जैसी मशीनरी भी तैयार हैं। रेलवे ने कुल 118 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है। आम जनता और मछुआरों को चक्रवाती तूफान के बारे में सतर्क कर दिया गया है और 1,000 से अधिक नौकाएं कृष्णमपट्टिनम सहित मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों पर खड़ी हैं।
110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलेगी हवा
मिचौंग के उत्तर की ओर बढ़ने और 5 दिसंबर की सुबह गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को पार करने की संभावना है, जिससे 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवाएं चल सकती हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि वह तूफान से नुकसान को कम करने और नागरिकों की हिफाजत के लिये हरसंभव उपाय कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिचौंग से आंध्र प्रदेश में संभावित संकट से निपटने की तैयारियों के बारे में राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मोदी ने रेड्डी को संभावित परिस्थितियों से निपटने में केद्र सरकार की ओर से पूरी मदद का भरोसा दिया।