रायपुर
मानव निर्मित एशिया के सबसे बड़े जंगल सफारी में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। जंगल सफारी में पिछले एक सप्ताह के भीतर 40 से ज्यादा वन्यजीवों की मौत की सूचना है। वजह क्या है, इस संबंध में अफसरों ने अब तक किसी तरह से नहीं दी है। वन्यजीवों की मौतों को लेकर जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जानकारी मिली है कि वन्यजीवों की देखरेख करने वाले चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा छग से बाहर हैं। डॉक्टर ने अवकाश पर जाने की जानकारी सफारी प्रबंधन को नहीं दी है। गौरतलब है जंगल सफारी में वर्तमान में सात सौ से ज्यादा संख्या में हर्बिबोर प्रजाति के वन्यजीव रह रहे हैं। इनमें चौसिंगा, नील गाय, सांभर, हिरण से लेकर और कई तरह के जानवर रह रहे है ।
सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी मिली है, सफारी में 10 नील गाय तथा 8 काले हिरणों की मौत हुई है। बता दे की चौसिंगा इतना मजबूत वन्यजीव है कि वह मौसम परिवर्तन होने के साथ ही अपने आपको उस अनुरूप तत्काल ढाल लेता है इसलिए वह सभी मौसम में अपने आप को मौसम के अनुरूप परिवर्तन कर लेता है ।
अधिकारी को जानकारी नहीं
जंगल सफारी में वन्यजीवों की मौतों को लेकर अफसरों से संपर्क किया गया, तो वे इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। सीसीएफ वाइल्ड लाइफ एम. मर्सीबेला ने इस संबंध में कहा कि वन्यजीवों की मौतों को लेकर कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में जंगल सफारी के डायरेक्टर से बात करने के बाद कुछ बता पाने की बात कही।
सफारी में वन्यजीवों की मौत के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबंध में जंगल सफारी के डीएफओ से जानकारी लेने के बाद कुछ बता पाऊंगी। इस नजरिये से देखा जाये तो अधिकारी अपने आप को बचने के चक्कर में कई तरह के बहाने बना रहे है ।