रायपुर.
महादेव सट्टेबाजी एप मामले में नया मोड़ आ गया है। कथित तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव में खर्च के लिए पैसे पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार एजेंट असीम दास ने शुक्रवार को एक विशेष अदालत में बताया कि उसने कभी किसी राजनेता या कार्यकर्ता को कोई पैसा नहीं दिया। उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से चार दिन पहले 3 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दास और सिपाही भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया था।
न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद दास और यादव को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के लिए विशेष जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया। दास के वकील शोएब अलवी ने कहा कि अदालत ने दोनों की न्यायिक हिरासत और सात दिन बढ़ा दी। अलवी ने कहा कि दास ने जेल से ही 17 नवंबर को ईडी के निदेशक को एक पत्र लिखा था, जिसकी प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही उन्य अच्चाधिकारियों को भेजी थी। इसमें उसने आरोप लगाया कि उसे इस मामले में फंसाया गया है। ईडी ने उससे अंग्रेजी में लिखे एक बयान पर उससे जबरन हस्ताक्षर कराए, जबकि अंग्रेजी उसे समझ में नहीं आती। पत्र में उसने कहा है कि वह शुभम सोनी का बचपन का मित्र है। सोनी एप घोटाला मामले में मुख्य आरोपी है।
कोई उसकी गाड़ी में पैसे रख गया
दास ने कहा कि जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया, उस दिन उससे रायपुर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पार्किंग में खड़ी से रायपुर में वीआईपी रोड पर एक होटल में जाकर ठहरने के लिए कहा गया था। एक गाड़ी को लाने के लिए कहा गया था। बाद में उससे गाड़ी सड़क पर खड़ी करने को कहा गया, जहां एक व्यक्ति आया और उसकी गाड़ी में पैसे रखकर चला गया। उसके बाद फिर फोन पर दास से होटल में अपने कमरे में जाने के लिए बोला गया। उसके होटल के कमरे में पहुंचने के कुछ देर बाद ही ईडी के अधिकारी पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया। दास के पास से कथित तौर पर 5.39 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे।
ईडी ने सीएम को 508 करोड़ रुपये मिलने का आरोप लगाया था
दास की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दावा किया था कि फॉरेंसिक विष्लेशण और दास के बयान से यह जानकारी मिली है कि महादेव सट्टेबाजी एप को प्रमोटर ने अब तक सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए हैं जो जांच का विषय है। ईडी ने यह भी कहा था कि महादेव एप के प्रमोटरों ने दुबई से दास को कांग्रेस पार्टी को पैसे पहुंचाने के लिए ही भेजा था। हालांकि, बघेल ने इन आरोपों को खारिज किया था और इसे उन्हें बदनाम करने के लिए भाजपा की साजिश बताया था।