पुणे। कोरोना वायरस का कहर इतना खतरनाक स्थिति पैदा कर देगा, इस बात की संभावना शायद ही किसी ने लगाई होगी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक मात्र हथियार इसकी वैक्सीन बताई जा रही है लेकिन देश में कई राज्य और जिले ऐसे हैं, जहां वैक्सीन की कमी की शिकायतें मिल रही हैं।
इधर एक मई से देश में टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन वैक्सीन की कमी ने अभियान की रफ्तार थोड़ी धीमी कर दी है। इसी बीच ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जुलाई तक देश में वैक्सीन की कमी देखी जा सकती है।
अदार पूनावाला ने कहा कि एक दिन में 60-70 मिलियन खुराकों से 100 मिलियन खुराकों तक उत्पादन क्षमता बढ़ाने में जुलाई तक का समय लग जाएगा। वैक्सीन की कमी उस समय हो रही है, जब केंद्र ने 18 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है।
00 जनवरी में दूसरी लहर आने की उम्मीद नहीं थी
रिपोर्ट में पूनावाला के हवाले से बताया गया है कि अधिकारियों को जनवरी में दूसरी लहर का सामना करने की उम्मीद नहीं थी, जब नए कोविड-19 मामलों में गिरावट आई थी। हर किसी को लगने लगा था कि देश ने कोरोना की पहली लहर को हरा दिया है।
अपनी कंपनी का बचाव करते हुए पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन की कमी को लेकर राजनेताओं और आलोचकों की ओर से सीरम इंस्टीट्यूट को बदनाम करने की कोशिश की गई। ज्यादा वैक्सीन बनाने को लेकर अदार पूनावाला ने कहा कि हमारे पास पहले से कोई आदेश नहीं था, हमें नहीं लगता था कि हमें एक साल में एक बिलियन खुराकें बनानी होंगी।
वहीं शनिवार की रात को पूनावाला ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि यूके में हमारे सभी हितधारकों और भागीदारों के साथ बैठक की गई, हालांकि बैठक में मौजूद लोगों को ये बताते हुए अच्छा लगा कि पुणे में कोविशील्ड का उत्पादन जोरो पर है।