नईदिल्ली
खालिस्तानी समूह सिख्स फॉर जस्टिस ने 1 दिसंबर को कनाडा से उड़ने वाली एयर इंडिया की फ्लाइटों के घेराव और उन्हें रोकने का ऐलान किया है। संगठन ने खालिस्तानी तत्वों से अपील की है कि वे कनाडा के एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइटों का घेराव करें और वहां धरना दें। यह अपील वैंकुवर और टोरंटो एयरपोर्ट के लिए की गई है। एनआईए ने खालिस्तानी सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किए हैं। उसके बाद पन्नू ने यह पहली धमकी जारी की है। NIA की एफआईआर भी एयर इंडिया की फ्लाइट्स पर हमले की धमकी को लेकर दर्ज की गई है।
NIA ने केस दर्ज करने के बाद जारी बयान में कहा था, 'पन्नू की धमकियां और उसके बयानों के चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा कनाडा, भारत समेत उन देशों में चिंता बढ़ी है, जहां एयर इंडिया की फ्लाइट्स का संचालन होता है।' इसके बाद भी पन्नू ने एक बार फिर से हिमाकत दिखाई है और मंगलवार को एयर इंडिया के बायकॉट की धमकी दी। उसने कहा, 'एयर इंडिया का ऑपरेशन सिखों की जान के लिए खतरा है।' हालांकि ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि खालिस्तानी तत्वों की धमकी का कोई असर एयर इंडिया की बुकिंग पर नहीं दिखा है।
इसी महीने की शुरुआत में उसने एक और वीडियो जारी किया था और सिखों को चेतावनी जारी की थी। पंजाबी में बोलते हुए पन्नू ने कहा था, '19 नवंबर के बाद एयर इंडिया की फ्लाइट्स में सफर मत करना। आपकी जिंदगी खतरे में हो सकती है।' उसने इस बात को दोहराया था। इसके अलावा उसने एयर इंडिया की फ्लाइट्स को वैंकुवर से लंदन तक ब्लॉक करने की भी धमकी दी थी। हालांकि बाद में अपना रुख नरम करते हुए पन्नू ने कहा था कि मैंने एयर इंडिया के बायकॉट की अपील की थी कोई धमकी नहीं दी है।
पन्नू की धमकी के मसले को कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्रूडो सरकार के समक्ष उठाया है। कनाडा की पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके अलावा एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारतीय प्रतिष्ठानों पर भी सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। दरअसल खालिस्तान की धमकी ने 1985 की घटना की याद दिला दी है। तब एयर इंडिया की कनिष्क फ्लाइट पर खालिस्तानी आतंकियों ने अटैक किया था। इसमें 329 लोग मारे गए थे। इसे कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना माना जाता है।