भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रसिद्ध लेखक और शिक्षाविद मनोज दास के निधन पर शोक जताया और कहा कि अंग्रेजी और उड़िया साहित्य के लिए उन्होंने अमूल्य योगदान दिया।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, मनोज दास ने खुद को एक जानेमाने शिक्षाविद, लोकप्रिय स्तंभकार और उत्कृष्ट लेकर के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अंग्रेजी और उड़िया साहित्य में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने श्री अरविंदों के विचारों को आगे बढ़ाया.
प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर दुख जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मनोज दास का मंगलवार को पुडुचेरी के एक अस्पताल में 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए पिछले साल उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। मनोज दास ने बहुत छोटी उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। नौवीं में ही उनका पहला काव्य संग्रह शताब्दीर आर्त्तनाद
प्रकाशित हुआ था। उसके बाज मनोज दास ने कहानियां लिखनी भी शुरू की. उनका पहला कहानी संग्रह समुद्रर क्षुधा, 1951 में प्रकाशित हुआ था।
मनोजदास की अंग्रेजी भाषा में लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित हैं
मनोज दास ने साहित्य की अनेक विधाओं को समृद्ध किया है। उनकी 38 प्रकाशित कृतियाँ हैं लेकिन वे मुख्य रूप से कहानीकार के रुप में पहचाने गए। 1967 से उन्होंने अंग्रेजी में भी लिखना शुरू किया और जल्द ही खुद को अंग्रेजी और उड़िया दोनों के लेखक के तौर पर स्थापित किया।
मनोजदास की अंग्रेजी भाषा में लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित हैं और लगभग इतनी ही किताबें ओडिया में भी उपलब्ध है। उपन्यास साइक्लोंस
, श्रीअरविंदो इन द फर्स्ट डिकेड ऑफ द सेंचुरी
एवं श्रीअरविंदो
प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।