अयोध्या
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य बेहद तेजी से जारी है. प्राण प्रतिष्ठा की पूजा आगामी 22 जनवरी को होगी. इस बीच जानकारी आई है कि रामलला संगमरमर के स्वर्ण जड़ित आठ फीट ऊंचे 'सिंहासन' पर विराजमान होंगे. इस सिंहासन को राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अक्टूबर तक रामलला की मूर्ति और इससे पहले सितंबर तक गर्भगृह का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, गर्भगृह के निर्माण में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया जा रहा है. चंपत राय ने कहा कि भूतल पर सिर्फ रामलला विराजमान होंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार होगा, जबकि द्वितीय तल खाली होगा… शिखर, आसन, दरवाजे में स्वर्ण का इस्तेमाल किया जाएगा, गर्भगृह में पहुंचने के लिए 34 सीढ़ियां बनाई गई है, रामलला की मूर्ति अयोध्या में ही बनेगी, प्रतिमा पांच वर्ष के बालक की होगी.
15 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा सिंहासन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया है कि आठ फीट ऊंचे, तीन फीट लंबे और चार फीट चौड़े सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. आगामी 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा. इस पर पांच साल पुरानी रामलला की मूर्ति रखी जाएगी.
अनिल मिश्रा ने जानकारी दी है कि भगवान राम के भक्तों ने भी बड़ी मात्रा में सोने और चांदी की वस्तुएं दान की हैं. चूंकि ट्रस्ट के गठन से पहले और बाद में दान की गई ये सोने-चांदी की वस्तुएं, सिक्के और ईंटें पिघल जाएंगी, ऐसे में उन्हें सुरक्षित रखने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए उन्हें पिघलाकर सुरक्षित रखा जाएगा. यह काम एक प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में किया जायेगा.
कितना पूरा हुआ मंदिर काम
राम मंदिर का भूतल 15 दिसंबर तक हर हाल में तैयार कर लिया जाएगा और पहले तल का काम भी 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है. परिक्रमा मार्ग के फर्श का काम भी पूरा हो चुका है, अब गृह मंडप के फर्श पर संगमरमर बिछाने का काम चल रहा है.
कहां तक पहुंचा निर्माण कार्य?
पिछले दिनों अक्षय तृतीया के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्रीराम मंदिर के निर्माण की तस्वीरें जारी की थी. इसमें मंदिर का पूरा आकार दिखायी दे रहा है. काफी ऊंचाई से ली गई इन तस्वीरों में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि मंदिर की बाहरी दीवारें बन चुकी हैं और भूतल का पूरा आकार नजर आ रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा था-'रामभक्तों द्वारा शताब्दियों तक किए गए अनवरत संघर्ष की परिणति के रूप में भगवान श्री रामलला का दिव्य मंदिर अब आकार लेता दिख रहा है, जय श्री राम!.' तस्वीरों के साथ एक वीडियो भी जारी किया गया थी. वीडियो में ग्राउंड फ्लोर का निर्माण कार्य अंदर से दिखाया गया था.
चल रहा है ग्राउंड फ्लोर का काम
भूतल पर स्तम्भ और दीवारों से बने मंदिर के आकार को ऊपर से देखा जा सकता है. अब ग्राउंड फ्लोर की छत बनाई जा रही है. मंदिर स्थल पर निर्माण एजेंसी के लोग काम करते हुए देखे जा सकते हैं. भूतल (ग्राउंड फ्लोर) के स्तम्भों पर बीम (beam) डालने का काम चल रहा है.
इससे पहले 6 अप्रैल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तस्वीरें जारी की थीं. उन तस्वीरों में प्रवेश द्वार का पूरा आकार दिखाया गया था. इसमें ग्राउंड फ्लोर के स्तंभों को दिखाया गया था. साथ ही ये भी बताया गया था कि बीम डालने का काम शुरू हो चुका है.