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वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया, कभी 47 अरब डॉलर था मूल्यांकन

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वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया, कभी 47 अरब डॉलर था मूल्यांकन

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क
कभी वॉल स्ट्रीट की बड़ी कंपनियों में शुमार रही वैश्विक कोवर्किंग कंपनी वीवर्क ने अमेरिका में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया है। कोवर्किंग से आशय एक ही स्थान पर कई कंपनियों के लिए कार्यालय से है। वीवर्क दुनिया की प्रमुख कोवर्किंग कंपनियों में आती है। कभी इस कंपनी का बाजार मूल्यांकन 50 अरब डॉलर के पास पहुंचने वाला था।

वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने तथा बही-खाते को दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है।

न्यूयॉर्क एक्सचेंज में सूचीबद्ध वीवर्क ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बाहर स्थित उसके केंद्र इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे। सॉफ्टबैंक समर्थित वीवर्क इंक का बाजार मूल्यांकन कभी 47 अरब डॉलर था। चालू साल की पहली छमाही में कंपनी को 69.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है।

वीवर्क के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डेविड टोली ने बयान में कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हम भविष्य की तैयारी करें और आक्रामक तरीके से पुराने पट्टों या लीज के मुद्दों को सुलझाएं और अपने बही-खाते को दुरुस्त करें।’’ वीवर्क पर दिवाला होने का खतरा काफी समय से मंडरा रहा था। अगस्त में न्यूयॉर्क की कंपनी ने कारोबार में बने रहने की अपने क्षमता को लेकर आशंका जताई थी।

वीवर्क इंडिया का स्वामित्व बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी ग्रुप के पास है। उसने कहा है कि वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम का भारतीय कारोबार पर असर नहीं पड़ेगा।

वीवर्क इंडिया के देशभर में 50 से अधिक केंद्र हैं। वीवर्क इंडिया में एम्बैसी ग्रुप की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 27 प्रतिशत हिस्सेदारी वीवर्क ग्लोबल के पास है। वीवर्क ग्लोबल ने जून, 2021 में वीवर्क इंडिया में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया था।

वीवर्क ने दिवाला आवेदन में कहा है कि वह कुछ ऐसे गंतव्यों पर लीज को रद्द करना चाहती है, जो इसके लिए अब परिचालन महत्व के नहीं रह गए हैं। कंपनी ने सोमवार को कहा कि सभी प्रभावित सदस्यों को इसके बारे में अग्रिम नोटिस भेज दिया गया है।

वीवर्क इंडिया के सीईओ ने कहा, वीवर्क ग्लोबल के दिवाला आवेदन से भारतीय कारोबार पर असर नहीं

 कोवर्किंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वीवर्क इंडिया ने कहा है कि अमेरिकी अदालत में वीवर्क ग्लोबल द्वारा दायर दिवाला आवेदन से भारतीय कारोबार पर किसी तरह से असर नहीं पड़ेगा। वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी ग्रुप की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें वीवर्क ग्लोबल की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

वीवर्क इंडिया के सात शहरों में 50 केंद्र हैं जिनमें लगभग 90,000 डेस्क हैं।

वीवर्क इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करण विरवानी ने बयान में कहा कि भारतीय कारोबार वीवर्क ग्लोबल से स्वतंत्र है और इसलिए इसका परिचालन प्रभावित नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वीवर्क इंडिया स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। ऐसे में इस घटनाक्रम से हमारे परिचालन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।’’

विरवानी ने कहा कि वीवर्क इंडिया अपने-आप में एक अलग इकाई है और इस रणनीतिक पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि दिवाला कार्यवाही से वैश्विक इकाई के परिचालन पर भी असर नहीं होगा, क्योंकि उसके पास कारोबार का स्वामित्व रहेगा और वह पहले की तरह परिचालन करती रहेगी।

यह प्रक्रिया वीवर्क ग्लोबल के अमेरिका और कनाडा में कर्ज और लीज के पुनर्गठन से संबंधित है।

विरवानी ने कहा कि इस अवधि के दौरान परिचालन करार के तहत हमारे पास ब्रांड नाम के इस्तेमाल का अधिकार रहेगा।

उन्होंने कहा कि वीवर्क इंडिया को एम्बैसी ग्रुप का समर्थन है। एम्बैसी ग्रुप वीवर्क इंडिया के कारोबार में भविष्य में निवेश करने को प्रतिबद्ध है।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक कोवर्किंग कंपनी वीवर्क ने अमेरिका में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया है। कोवर्किंग से आशय एक ही स्थान पर कई कंपनियों के लिए कार्यालय से है। वीवर्क दुनिया की प्रमुख कोवर्किंग कंपनियों में आती है।

वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने तथा बही-खाते को दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है। कभी इस कंपनी का बाजार मूल्यांकन 47 अरब डॉलर था।

आईओसी के साथ मिलकर देशभर में 2,550 ईवी चार्जर लगाएगी ओकोया ईवी चार्जर्स

मुंबई
ओकाया ईवी चार्जर्स ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के साथ मिलकर देशभर में 2,550 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जर स्थापित करने की योजना बनाई है। कंपनी ने  यह जानकारी देते हुए कहा कि वह इस योजना के तहत 125 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

ओकाया ईवी चार्जर्स के अनुसार, देश में इलेक्ट्रिक वाहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कदम के रूप में 20 से अधिक राज्यों में 362 ऐसे चार्जर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।

कंपनी ने कहा है कि वह विविध प्रकार के चार्जर स्थापित करेगी। इनमें 3.3-किलोवाट और 7.4-किलोवाट चार्जर, 30-किलोवाट वॉल-माउंटेड सीसीएस (संयुक्त चार्जिंग सिस्टम) 2 डीसी फास्ट चार्जर के साथ ही 60-किलोवाट सीसीएस2 डीसी चार्जर शामिल हैं।

ओकाया ईवी चार्जर्स के प्रबंध निदेशक अंशुल गुप्ता ने कहा, ‘‘यह साझेदारी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है। हमारे उन्नत चार्जिंग समाधान ईवी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को सुविधाजनक और कुशल चार्जिंग विकल्पों के साथ सशक्त बनाएंगे।’’ कंपनी ने कहा कि इस पहल के लिए कुल निवेश 125 करोड़ रुपये आंका गया है।