अयोध्या
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के बाल्यकाल की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के समय अयोध्या ही नहीं देश के 5 लाख गांव और उसके आसपास विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही जय श्री राम के उद्घोष से गूंजायमान होंगे और फिर सूर्यास्त होते ही देश भर के सनातन धर्मावलंबियों के 5 करोड़ घर और उसके आसपास दीप मालिकाओं से वातावरण रोशनी से जगमग हो उठेगा, संपूर्ण देश में प्राण प्रतिष्ठा और उससे जुड़े कार्यक्रमों की व्यापकता स्थापित करने के लिए आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पूजित अक्षत कलश वितरण कार्यक्रम के माध्यम से 100 की संख्या में पूजित किए गए कलश का वितरण किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभाग संगठन प्रभारी और 45 संगठनात्मक प्रांत प्रमुख शामिल हैं।
कलश धारक प्रदेश स्तर पर इस आशय का मंथन करेंगे कि उनके प्रदेश में कितने जनपद हैं और हर जनपद को कितना अक्षत वितरित किया जाना है। तदनुसार अक्षत जिलों में पहुंचेगा। जिसे 31 दिसंबर तक अवश्य किया जाना है और फिर 1 से 15 जनवरी तक जिला प्रभारी मूल्यांकन के बाद घर-घर चार-चार दाने अक्षत पहुंचा कर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को आनंदोत्सव के रूप में मनाने का आग्रह करेगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा गांव-गांव होने वाले आनंद उत्सव में लोग मंदिरों में एकत्र हो। टीवी के माध्यम से दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देखें, जिस भगवान की मूर्ति स्थापित हो। उनकी आराधना करें और अपने-अपने ढंग से पूजा अर्चना करें। साथ ही मंगल ध्वनि से देवता को जागृत करें।
उन्होंने जानकारी दी कि अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त 4 हजार प्रमुख संत और ढाई हजार के करीब देश के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विशिष्ट जन्म मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया पूजित कलश और अक्षत ले जाने वालों में केरल, अरुणाचल प्रदेश,अंडमान निकोबार और सिक्किम के प्रांत प्रमुख भी शामिल है। उन्होंने बताया प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न होने के बाद देश के अलग-अलग प्रांत को अलग-अलग तिथियां दी जाएगी और वे संबंधित तिथि पर अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर सकेंगे। इससे पहले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन अयोध्या के सभी संत और धर्माचार्य को रामलला के दर्शन करने के लिए व्यवस्था की जा रही है और दूसरे दिन अयोध्या और उसके आसपास के लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे।