नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में हवा तो पिछले कई दिनों से खराब है, लेकिन अब यह खतरनाक हो चुकी है। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब से 'गंभीर' की श्रेणी में पहुंच गया। लगातार तीसरे दिन दिल्ली और आसपास का पूरा इलाका धुएं और धुंध की चादर में लिपटा हुआ है। विजिविलिटी कम होने के साथ स्मॉग का स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। अचानक खांसी और दमे जैसी शिकायतों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
पंजाब-हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने और मौसम संबंधी वजहों से वैज्ञानिकों ने अभी हालात और बिगड़ने की भविष्यवाणी की है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ने वाला है। यह इसलिए चिंताजनक है क्योंकि पहले ही कई इलाकों में AQI 400 के पार जा चुका है और दिवाली के आसपास दिवली के पूरी तरह 'गैस चैंबर' में तब्दील हो जाने की आशंका जाहिर की जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब है। बच्चों और बूढ़ों में अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। पीएम 2.5 के बेहद छोटे कण सांस के माध्यम से रेसपिरेट्री सिस्टम में प्रवेश कर जाते हैं और समस्याएं पैदा करते हैं।
दिल्ली में औसत एक्यूआई गुरुवार सुबह करीब 10 बजे 351 दर्ज किया गया। बुधवार को 24 घंटे का औसत 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया। दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में है। पंजाबी बाग में 416, बवाना में 401, मुंडका में 420, आनंद विहार में 413 दर्ज किया गया है। इन जगहों पर पलूषण सुरक्षित स्तर से 6-7 गुणा अधिक है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक्यूआई 230 और फरीदाबाद में 324 दर्ज किया गया है। नोएडा में यह स्तर 295, ग्रेटर नोएडा में 344 और गुरुग्राम में 230 रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि जिन इलाकों में लगातार पांच दिन तक एक्यूआई का स्तर 400 से पार होगा, वहां निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाएगी। सरकार ने गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में कमी के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत की है। एक हजार सीएनजी बसों को किराए पर लेने की बात कही गई है।