नई दिल्ली। भूराजनीतिक विषय से जुड़ा भारत का प्रमुख वैश्विक सम्मेलन रायसीना संवाद
आज से शुरू हो रहा है। इस संवाद की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक वीडियो संदेश के साथ होगा।
कोविड-19 महामारी की वजह से रायसीना वार्ता का छठा संस्करण ऑनलाइन माध्यम से आयोजित होने जा रहा है जो 13 से 16 अप्रैल तक चलेगा।
इस संवाद में कुल 50 सत्र होंगे, जिसमें 50 देशों और बहुपक्षीय संगठनों के 150 वक्ता हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस वार्ता में विश्व के कई नेता और उच्चाधिकारी हिस्सा लेंगे।
13 अप्रैल को एक वीडियो संदेश के साथ करेंगे वार्ता का आरंभ
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल को एक वीडियो संदेश के साथ इस वार्ता का आरंभ करेंगे। रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडरिक्सन इस सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। बयान में कहा गया है कि एक सत्र में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी हिस्सा लेंगे। रायसीना संवाद का थीम “वायरल वर्ल्ड : Outbreaks, Outliers and Out of Control है।
कार्यक्रम में कोरोना से जुड़े अलग-अलग मसलों पर चर्चा होगी
चार दिन के इस कार्यक्रम में कोरोना से जुड़े अलग-अलग मसलों पर चर्चा होगी। संवाद में कुल 50 सत्र का आयोजन किया जाएगा और 50 देशो के 150 स्पीकर्स अपनी बात रखेंगे। वहीं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 80 देशो के 2000 से अधिक लोगों ने अपना नाम रजिस्टर किया है। रायसीना डायलॉग भारत का फ्लैगशिप कॉन्फ्रेस हैं जो कि 2016 से आयोजित हो रहा है।