गरीब पशुपालक और स्व-सहायता समूहों की महिलाएं हो रही लाभान्वित
महासमुंद। कलेक्टर डोमन सिंह ने गोधन न्याय योजना के तहत शहरी क्षेत्र के पशुपालकों से खरीदी गई गोबर की मात्रा के मान से वर्मी बहुत ही कम तैयार किये जाने पर चिन्ता ज़ाहिर करते हुए तेज़ी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ज़िले के समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारियो को शीघ्र प्रगति लाने के निर्देश दिए हुए कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम उनके द्वारा समीक्षा की जाएगी। महासमुंद सहित छह नगरीय क्षेत्रों में सक्रिय 8 गोठानो में 441 पंजीकृत पशुपालक है । जिनमें से केवल 257 सक्रिय पशुपालक हैं। नगरीय क्षेत्रों में अब तक पशुपालकों से 23456 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का शुभारंभ 20 जुलाई 2020 को हरेली त्योहार के पावन अवसर पर की गई थी। इस दिन से प्रदेश के सभी 166 नगरीय निकायों में 377 शहरी गोधन खरीदी केंद्रों का चिन्हाकित कर पशुपालको से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर की खरीदी प्रारंभ की गई। इस योजना का भुगतान साख समिति के माध्यम से नागरिको के खातों में ऑनलाइन किया जा रहा है। इस योजना से शहरी गरीब, स्व सहायता समूह की महिलाओ को अतिरिक्त्त रोजगार का अवसर प्राप्त हो रहा है। एकत्रित गोबर से शहरी क्षेत्रो में वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की लकड़ी, धूपबत्ती, गमले, दिया, मूर्ति आदि उत्पाद बनाने की तैयारी निकायों द्वारा की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में इस योजना से सम्बंधित शिकायतो का निराकरण टोल फ्री नम्बर 1100 के माध्यम से किया जा रहा है।
महासमुंद ज़िले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के 292 सक्रिय गोठानो में 8027 पंजीकृत पशुपालक है। जिनमें से 7540 सक्रिय पशुपालक है। इनसे अब तक 181048 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। स्व सहायता समूह की महिलाओ द्वारा 9031 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया। जिसमें से 8027 क्विंटल का विक्रय हो चुका है ।