मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका में लंबे समय से पदस्थ कर्मचारियों का बड़ी मुश्किल से तबादला क्या हुआ…लोगों को उम्मीद थी कि अब किसी भी मामले में जानकारी आसानी से मिल जाएगी, उसके बाद भी फिर से जानकारी और फाईल को छिपाने का सिलसिला शुरू हो गया, आपको बता दे नगर पालिका मुंगेली में कुछ ऐसे भी कर्मचारी अवैधानिक कार्य में सक्रिय हैं और जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं, चाहे सामान्य तौर पे जानकारी मांगी जाए या सूचना के अधिकार के तहत, आपको जानकारी प्राप्त करने काफी मशक्कत करनी पड़ेगी, परंतु ये अधिकारी और कर्मचारी भूल गए है कि सूचना का अधिकार एक कानून हैं जिसका पालन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को करना है परंतु इनके द्वारा अभी भी इस कानून को मजाक समझा जा रहा हैं इसका कारण यह भी हैं कि इन अधिकारी और कर्मचारियों का पाला राज्य सूचना आयोग से नहीं पड़ा। हो सकता हैं जब मामला राज्य सूचना आयोग में पहुँचे तो बहुत बड़ी कार्यवाही हो सकती हैं। मुंगेली नगर में भवन अनुज्ञा सम्बन्धी बहुत शिकायतें मिल रही हैं जिसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा।
आपको बता दे कि शहर के महत्वपूर्ण हिस्से में जहां कि अवैध प्लाटिंग किया गया हैं वहाँ नगर पालिका ने भारी लागत से सड़क निर्माण करा दिया गया हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं क्योंकि जो भी प्लाटिंग करता हैं वहाँ सड़क सहित बाकी सुविधाएं उसे ही उपलब्ध करानी होती हैं परंतु प्लाटिंग करने वाले इन जिम्मेदारियों से बचते हुए नगर पालिका का लाखों-करोड़ों खर्च कराया जा रहा हैं, जिससे राज्य की भूपेश सरकार को भी भारी राजस्व क्षति हो रही हैं। इस संबंध में जानकारी के लिए जब आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई तो कर्मचारियों द्वारा उक्त निर्माण कार्य स्थल की अनभिज्ञता जताते हुए जानकारी देने से बचा जा रहा, साथ कई जगहों एवं कालोनियों में बने मकानों, दुकानों की भवन अनुज्ञा मांगी गई हैं जिसे भी जानकारी देने टालमटोल किया जा रहा, जो कि विचारनीय हैं।
जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता…
नगर पालिका में चल रहे मनमानी और लापरवाही पर मुंगेलीवासियों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिला प्रशासन को नगर पालिका के जनहित वाले मामलों के साथ-साथ कई मामलों में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है जिससे कि भूपेश सरकार की किरकिरी न हो।