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राष्ट्रीय राजमार्ग बना समझौता राजमार्ग

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मनमर्जी निर्माण व घटिया सामग्री से बढ़ी मुश्किलें

कोरिया :- जिले में नेशनल हाईवे 43 (पुराना78) के चौड़ीकरण का कार्य इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है । राष्ट्रीय राजमार्ग गाइड लाइन के विपरीत आडी – तिरछी सड़क बनायी जा रही वही निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री बेहद घटिया स्तर की इस्तेमाल की जा रही है जिसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है बताया जाता है कि पुल पुलिया के निर्माण में लगने वाले सीमेंट पाइप काफी निम्न स्तर के लगाए जा रहे हैं निर्धारित मानक के अनुसार यहां पर उच्यगुणवक्ता वाले एन पी-4 पाइप लगाए जाने हैं किन्तु गुणवक्ता को नज़रअंदाज़ करते हुए कुछ एन पी-4 पाइपों के साथ पैसा बचने के लिये एन पी-3 के अधिकतम पाइप का उपगोग किया जा रहा है जिसकी शिकायत एनएच के उच्च अधिकारी से की गई है फिर भी किसी तरह का बदलाव नहीं देखा जा रहा है

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश सीमा से लेकर कोरिया सूरजपुर की सीमा तक पढ़ने वाले नेशनल हाईवे 43 का निर्माण एनएसपीआर कंपनी द्वारा किया जा रहा है जिसमे लगातार गुणवत्ता विहीन कार्य किए जा रहे है पूरे सड़क में पानी की निकासी के लिए पाइप लगाए जाने के निर्देश विभाग द्वारा दिए गए थे जिसमें NP4 पाइप लगाए जाना था किंतु ठेकेदार सारे नियम कानून को ताक में रखकर घटिया स्तर के पाइप दूसरे प्रदेशों से मंगा कर लगाया जा रहा है पाइपों की जर्जर हालत देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अधिक मात्रा में यदि बरसाती पानी आ गया तो सड़क पर लगा घटिया पाइप बह जाएगा और मार्ग पर जब भारी वाहनों का आवागमन होगा तो कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है।आन्य विभागों के छोटे से छोटे निर्माण कार्य में मौके पर हमेशा विभगीय सुपरवाइजर मौजूद रहते हैं लेकिन इतने बड़े निर्माण कार्य में नेशनल हाईवे का किसी भी तरह का विभागीय अधिकारी कर्मचारी कहीं पर भी खड़ा नहीं दिखता अधिकारियों और ठेकेदार की सेटिंग से करोड़ों रुपए के कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है बताया जाता है कि ठेकेदार और उसके कर्मचारी फैक्ट्री संचालकों से जानबूझकर कम रेट वाले पाइप स्पेशल ऑर्डर देकर के बनवा रहा है,सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय फैक्ट्रियों में भी ठेकेदार के लोगों ने निम्न स्तर के कम दरों पर पाइप सप्लाई की बात मनवाने की कोशिश की थी किंतु स्थानीय स्तर पर बात ना बनने से बड़े पैमाने में घटिया पाइप की खरीदी दूसरे इलाकों से की जा रही है ज्ञात हो कि निर्माण कार्य में उपयोग किए जा रहे आरसीसी ह्यूम पाइप में निर्धारित मात्रा में राड व वायर नहीं डाली गई,सीमेंट की मात्रा में भी कमी की गई है और न ही पाइपों को सही ढंग से क्यूरिंग किया गया है देखने से ही पाइप जर्जर और कंडम हालत में दिख रहे हैं आखिर क्या वजह है की विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार को इस तरह के गुणवक्ता विहीन कार्य करने के लिए खुली छूट दे रखे हैं महीने दो महीने में अंबिकापुर के एक बड़े साहब का दौरा होता है बड़े साहब से स्थानीय नागरिकों ने कई बार गुणवत्ता विहीन कार्य की शिकायत की लेकिन बड़े साहब मौके पर ही ठेकेदार को क्लीन चिट देते रहते हैं स्थानीय नेताओं व आमजनों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से पूरे सड़क पर पड़े पाइपों को टेस्टिंग मशीन में टेस्ट कराने का आग्रह किया है ताकि निर्माण कार्य में लग रहे आरसीसी हुयम पाइप की वास्तविक गुणवत्ता का पता उन अधिकारियों को चल सके जो आंख बंद करके हजारों की संख्या में लगने वाले घटिया और निम्न स्तर के ह्यूम पाइपों को सड़क निर्माण में लगवा दिया है !

डिवाइडर बना अभिशाप :- राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में गाइड लाइन के अनुसार मोड़ पर डिवाइडर के बीच एक लाइन से दूसरे लाइन में जाने हेतु रास्ता नहीं दिया जाना है। मगर जिले के मनेंद्रगढ़ में बन रहे डिवाइडर में अंधा मोड़ पर एक लाइन से दूसरे लाइन में आने जाने के लिए रास्ता दे दिया गया है। डिवाइडर निर्माण में पहुँच वालो व व्यापारिक संस्था के दबाव में मनमाना काम किया जा रहा है।