मुंगेली/ मुंगेली में गार्डन के लिये छत्तीसगढ़ शासन ने लगभग 1 करोड़ 59 लाख रूपयें स्वीकृत कियेे थे, साथ ही इस गार्डन निर्माण में पार्षद निधि से और भी राशि लगाई जा चुकी है…परंतु गार्डन निर्माण के बगैर ही नगर पालिका के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा पूरी राशि आहरित कर ली गई, और यहां गार्डन का निर्माण नही हो सका और इस गार्डन मामले में ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है मुंगेली को जिला बने करीब 8 वर्ष होने को आया परंतु यहां अभी तक एक भी गार्डन का निर्माण नही हो सका, और जिस गार्डन का निर्माण होना था, वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसके लिये नगर पालिका के अधिकारी, इंजीनियर और ठेकेदार जितने दोषी है, उतने ही दोषी यहां के जनप्रतिनिधि और नेतागण भी है। नगर पालिका से गार्डन से संबंधित दस्तावेजों की मांग आरटीआई के जरिये की गई थी जिसमें गार्डन मामले में वृहद भ्रष्टाचार उजागर हुआ। गार्डन भ्रष्टाचार मामले पर छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता संदीप तिवारी के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी दिनांक 22 अक्टूबर को सीजे पी रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ ने मुंगेली गार्डन में हुये भ्रष्टाचार व अनियमितता को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सचिव, डायरेक्टर, संभागायुक्त बिलासपुर, कलेक्टर मुंगेली, मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगेली तथा नगर पालिका परिषद् मुंगेली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
दिनांक 9 जनवरी 2020 को हाईकोर्ट ने गार्डन भ्रष्टाचार पर लगे जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।