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23 नेताओं को विद्रोही नहीं, विरासत के रक्षक के तौर पर देखना चाहिए : कपिल सिब्बल

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नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी में व्यापक सुधार की मांग को लेकर आलाकमान को पत्र लिखने वालों में शामिल कपिल सिब्बल ने कहा कि इन 23 नेताओं को विद्रोही नहीं बल्कि पार्टी की विरासत के रक्षक के तौर पर देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भले ही पत्र में 23 नेताओं ने ही हस्ताक्षर किए हों, लेकिन पार्टी में बहुत सारे लोग हैं जो इनकी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और उनका उद्देश्य सकारात्मक और रचनात्मक ढंग से पार्टी को मजबूत बनाना है।
स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं करने पर वरिष्ठ पार्टी नेता सिब्बल ने कहा कि पार्टी उन्हें कोई दायित्व न भी सौंपे तो भी वह इसे मजबूत बनाने का काम अपनी पूरी ऊर्जा से करते रहेंगे। कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विकल्प बन सकती है। पार्टी को हर तरह से मजबूत बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे दलों को एक प्लेटफार्म पर लाने की आवश्यकता है जो भाजपा का विरोध करती हैं। कांग्रेस से जुड़ा हर व्यक्ति चाहता है कि इस ऐतिहासिक पार्टी को मजबूत बनाया जाए। इसके लिए ही 23 नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद की है। इसे निजी हितों की लड़ाई बताकर कमजोर न किया जाए। ऐसे में राज्यसभा सीट हासिल करने के लिए विरोध की बात कहां से आ गई।
उन्होंने कहा कि अच्छी खबर है कि पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने पर सहमत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष से इस मसले पर बात होगी। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक चुनाव होने पर कोई न कोई सशक्त नेता उभरकर सामने आएगा। उन्होंने असम में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। साथ ही कहा कि कुछ राज्यों में पार्टी लंबे समय से लड़ाई से बाहर है, ऐसे में वहां किसी सुनामी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।