नई दिल्ली। एक और देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर टीकाकरण में भारी गिरावट आई है। गुरुवार को एक दिन में कोरोना टीकाकरण में स्थापित 70 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। जबकि इससे ठीक एक दिन पहले 35 फीसदी कम लोगों को वैक्सीन लगी थी।
अवकाश के चलते चार लाख लोग ही ले सके वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले गुरुवार को 4.80 लाख लोगों ने टीका लगवाया। इनमें तीन लाख से अधिक वैक्सीन लेने वाले 45 या उससे अधिक आयु के लोग हैं। अवकाश के दिन 25,961 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पहली और 43,091 ने दूसरी डोज ली। इस तरह 64,465 फ्रंटलाइन वर्करों ने पहली और 33,511 ने दूसरी डोज ली है। इसी के साथ ही देश में अब तक 2.61 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
दोगुना बढ़ रहे मरीज लेकिन जांच अब भी वहीं
पिछले एक सप्ताह के दौरान भारत में प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों में करीब दोगुना बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। फरवरी तक देश में प्रतिदिन 10 से 12 हजार संक्रमित मिल रहे थे। लेकिन अब इनकी संख्या 23,000 से भी अधिक हो चुकी है।
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय बार-बार जांच बढ़ाने की सलाह दे रहा है लेकिन आईसीएमआर के मुताबिक, सप्ताह में प्रतिदिन औसत सात से साढ़े सात लाख सैंपल की ही जांच हो रही है। बीते गुरुवार को ही 7.40 लाख सैंपल की जांच हुई है।
बिना लक्षण वाले कोरोना का खतरा कम करेगी वैक्सीन
संक्रमित व्यक्ति में लक्षण नहीं है तो उसकी पहचान मुश्किल है। इसी बीच अध्ययन से पता चला है कि एम-आरएनए तकनीक पर आधारित मॉडर्ना और फाइजर के टीके की दो डोज के बाद बिना लक्षण वाला कोरोना संक्रमण होने का खतरा 80 प्रतिशत कम हो जाता है।
मॉडर्ना व फाइजर के टीके पर किया गया अध्ययन
जर्नल क्लीनिकल इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित शोध में क्लीनिक के संक्रामक रोग विशेषज्ञ और सह शोधकर्ता डॉक्टर एरन टांडे का कहना है कि जो मरीज बिना लक्षण वाले थे उनको टीके की पहली डोज दी गई तो 10 दिन बाद उनमें दोबारा कोरोना संक्रमण की संभावना 72 प्रतिशत कम हो गई थी। इसी तरह बिना लक्षण वाले जिन मरीजों को टीके की दो डोज लगी वो बिना टीके लगवाने वालों की तुलना में 73 प्रतिशत कम संक्रमण की संभावना थी।