मुंगेली/ दीपावली पर्व आने के साथ ही शहर एवं आसपास क्षेत्रों में अवैध फटाखों का भंडारण शुरू हो गया है। शहर के कई पटाखा व्यवसायी है जो बिना लायसेंस के भी रिहायशी इलाकों में चोरी-छिपे पटाखों का अवैध भंडारण किया जा रहा है। अभी हाल ही में विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली सहित आसपास क्षेत्रों भारी मात्रा में कई पटाखा व्यापारियों द्वारा अवैध पटाखों का भंडारण किया जा रहा है, प्रायः दीपावली के पहले ही पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा कई मुखबिरों को तैनात कर दिया जाता है और खबर मिलते ही अवैध फटाखों के भंडारण वाले स्थानों में छापामार कार्यवाही कर विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाती है। इस अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में दीपावली पर्व है जिसके चलते कई फटाखा व्यवसायियों के द्वारा अभी से भारी मात्रा में फटाखों की खरीदी कर अपने किसी निजी या रिश्तेदारों तथा किसी प्रभावशाली राजनेताओं के संरक्षण वाले जगहों में रखने की जानकारी मिली है। साथ ही अवैध पटाखों के भंडारण करने में ऐसे भी व्यावसायी है जिन्होंने अभी तक फटाखा विक्रय के लिये लायसेंस नही बनाया है ऐसे में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के सामने यह चुनौती है कि वे मुखबिरों को अलर्ट कर उनसे अवैध पटाखा भंडारण क्षेत्रों का पता लगा छापेमार की कार्यवाही करें। दीपावली के पहले किये गये अवैध फटाखे भंडारण के चलते किसी भी भयंकर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है जिससे जान और माल दोनों की हानि हो सकती है।
लंबे समय से कुछ औहदेदार फटाखा व्यवसायियों को जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त रहा है जिसके चलते वे अपनी मनमानी करते हुये निर्धारित मात्रा से अधिक फटाखा का संग्रहण और भंडारण करते है, परंतु इन पर कोई कार्यवाही नही होती और किसी के द्वारा अवैध भंडारण की सूचना जिला प्रशासन के अधिकारियों को दी जाती थी तो छापेमार कार्यवाही के पहले ही फटाखा के अवैध भंडारण करने वालों को इसकी खबर कही न कही से मिल जाती थी, जिसके चलते वे फटाखों को अन्य जगह ठिकाने लगा देते थे। पिछली दीवाली में मुंगेली टीआई आशीष अरोरा ने मुखबिर की सूचना पर बिलासपुर रोड के एक गोदाम में लगभग 10 लाख का फटाखा जप्त किया था। जिससे फटाखा व्यवसायियों में हड़कंप मच गया था. इस बार भी फटाखा के अवैध भंडारण की निगरानी के लिए पुलिस विभाग ने अभी से कई मुखबिर लगा रखे हैं।