नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि शिक्षा प्रणाली को भाषाई बाधाओं से मुक्त करने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभा को पनपने के अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इस प्रयोजन के लिए एक अभियान की तरह लागू किया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र के लिए केन्द्रीय बजट में किये गए प्रावधानों का प्रभावकारी कार्यान्वयन, विषय पर वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्रत्येक भाषा के विद्वानों और विशेषज्ञों को देश में उत्कृष्ट विषय वस्तु भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि चिकित्सा, इंजीनियरी, प्रबंधन जैसे सभी क्षेत्रों में सामग्री भारतीय भाषाओं में तैयार की जानी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और गरीब व्यक्ति जो स्थानीय भाषा के अलावा कोई और भाषा नहीं जानते हैं उनमें भी प्रतिभा के धनी लोगों की कमी नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि ऐसे उपाय करने की आवश्यकता है कि भाषाई बाधाओं के कारण प्रतिभा के विकास में कोई रूकावट न आये। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में युवाओं का विश्वास अत्यन्त महत्वपूर्ण है।