हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई के साथ तीर्थनगरी हरिद्वार में बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ आया। कुंभ में सभी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र पहली पेशवाई निरंजनी अखाड़े की निकली। इसी के साथ कुंभ मेला परिसर में निरंजनी अखाड़े का प्रवेश हुआ।
सुबह 10 बजे SMJN पीजी कॉलेज से पेशवाई की शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से पूजा अर्चना करने के बाद हुई। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविन्द्र पुरी महाराज समेत सभी 13 आखड़ों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पेशवाई का दृश्य अद्भुत था। सबसे आगे हाथी और उसके बाद ऊंट चल रहे थे। फिर नागा साधु, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनन्द गिरी का रथ और फिर अन्य महामंडलेश्वरो के रथ चल रहे है। फूलों से आकर्षक ढंग से सजाए गए करीब 50 रथों में चांदी के सिहांसन पर आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर विराजमान रहे।
बड़ी संख्या में नागा साधु पेशवाई में भगवान शंकर का तांडव करते चले। पेशवाई पर तीन हेलिकॉप्टर्स से फूलों की बरसात की गई।
निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के लिए विशेष तौर पर नासिक से बैंड मंगाया गया। इसके अलावा 25 और बैंड ने पेशवाई की शोभा बढ़ाई। पेशवाई में भगवान की पालकी के अलावा 30 ट्रक, 30 जिप्सी का काफिला भी मौजूद रहा।
किसी भी अखाड़े के लिए पेशवाई विशेष महत्व रखती है। इसमें अखाड़ा के धन-बल, जन-बल और समृद्धि आदि का प्रदर्शन होता है।
पेशवाई ने हरिद्वार के SMJN पीजी कॉलेज की छावनी से निकल कर शहर भर का भ्रमण किया। इसका शंकर आश्रम से होते हुए कनखल, शिवमूर्ति चौक, लालताराव पुल, गुजरावाला भवन से भ्रमण करते हुए देर शाम को निरंजनी अखाड़े में प्रवेश करना निर्धारित है।
आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने बताया कि पेशवाई के लिए पूरे सिटी एरिया को दो जोन में बांटा गया और वहां एसपी लेवल के अधिकारी रखे गए। सेक्टर लेवल पर डिप्टी एसपी लेवल के अधिकारी रखे गए। पेशवाई के लिए ट्रैफिक डायवर्जन भी किया गया. करीब 700 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुबह कहा, मैं निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज और सभी संतों का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आया हूं। इसके बाद मैं कुंभ कार्यों का भी निरीक्षण करूंगा।
इस अवसर पर महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि कुंभ की हमारी पहली पेशवाई निरंजनी अखाड़े की है। हम कोशिश कर रहे हैं कि पेशवाई का दृश्य अद्भुत हो और हरिद्वार के श्रद्धालु इसे याद रखें। समाज के लिए कुछ संदेश भी देने की कोशिश है। जैसे बेटी बचाओ मुहिम की झांकी। इसके अलावा कोरोना पर जागरूकता का भी संदेश है। हम लोग दिखाना चाहते हैं कि संत महात्मा पूजा पाठ में ही नहीं बल्कि राष्ट्र हित में भी कार्य करते हैं। गंगा के लिए भी झांकी लगाई है क्योंकि गंगा का संरक्षण बहुत जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, भारतीय संस्कृति की परंपरा के संवाहक आदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा का निर्वहन करते हुए पूर्ण कुंभ इस महान अवसर पर पेशवाई में पहली बार शामिल होना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है।
निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि पेशवाई के लिए महाराष्ट्र से पेशवा समाज के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया। पेशवाई में हमारा नियम है कि सबसे आगे हाथी होते हैं, उसके बाद ऊंट होते हैं। फिर हमारी जितनी भी शाखाएं हैं उनके उनके बैनर होते हैं।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी परमहंस परमानंद महाराज ने कहा कि हजारों साल से कुंभ की परंपरा चली आ रही है। नश्वर और दुखमय संसार में शांति और आनंद का संदेश देने के लिए ये परंपरा डाली गई थी।