नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भाजपा के कार्यकर्ता देशभर में चंदा जुटाने में लगे हैं। अब तक कई राज्यों में बड़े-बड़े चेहरे लाखों रुपए की राशि चंदे के तौर पर दे चुके हैं। इनमें राजनेताओं से लेकर मनोरंजन जगत की हस्तियां भी शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने राम मंदिर के लिए चंदा देने से इनकार कर दिया है। वाड्रा ने राम मंदिर के लिए चंदा देने में एक शर्त रखी है।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि पहले मैंने अगर किसी चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारे में चंदा दिया होगा तो मैं मंदिर में चंदा दूंगा। जिस दिन देश में देखा कि सबके लिए चंदा इकट्ठा किया जाएगा, उस समय मैं चंदा दूंगा। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा राजस्थान के जयपुर में प्रसिद्ध मोती डूंगरी मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने यहां पूजा-अर्चना भी की।
बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा अभी राजनीति में नहीं हैं। हालांकि, पिछले काफी समय से वे इस क्षेत्र में उतरने की ओर इशारा करते रहे हैं। जयपुर में ही जब उनसे इस पर सवाल पूछा गया, तो वाड्रा ने कहा, “हर चीज का सही समय होता है। इसके लिए भी सही समय होना चाहिए, मैं राजनीति से दूर रह कर भी मेहनत कर रहा हूं। अगर मुझे लगेगा कि जो लड़ाई राजनैतिक तौर से जरूरी है तो उसे लड़ने के लिए मैं राजनीति में जरूर उतरूंगा।”
किसानों और महंगाई पर भी दिया बयान:
इसके अलावा वाड्रा ने किसान आंदोलन और महंगाई को लेकर भी बयान दिए। उन्हें कहा कि अगर किसानों की सुनवाई होती है, तभी आंदोलन खत्म होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई भी नीति बनाने से पहले लोगों को उसके साथ जोड़ना पड़ेगा। न कि किसी पर दबाव डालकर बात मनवानी चाहिए। हालांकि, उन्होंने अपने बयान को सीमित करते हुए कहा कि लोगों के कहने के बावजूद मैं राजनीतिक चीजों में नहीं पड़ता हूं।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का किया था विरोध:
रॉबर्ट वाड्रा हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि को लेकर अपना विरोध जताते हुए निवास से कार्यालय तक की यात्रा साइकिल से की। वाड्रा ने अपने अनवेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर कहा था, ‘‘मैं जो कहता हूं वह करता हूं। सोमवार की सुबह घर से कार्यालय तक साइकिल की लंबी सवारी ट्रैफिक के बीच की। मैं जनता का दुख महसूस करता हूं और समझता हूं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण रोजाना उन पर क्या गुजरती होगी। सरकार को ईंधन की कीमतों में कमी करनी चाहिए।