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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, जीएसटी और ईवे बिल के विरोध में आज भारत बंद

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नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) और ईवे बिल समेत कई मुद्दों पर द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज भारत बंद बुलाया है। देशभर के व्यापारी, ट्रेड यूनियनों और ट्रांसपोर्टर्स ने इस बंद का आह्वान किया है। भारत बंद को 40,000 ट्रेडर्स एसोसिएशंस ने अपना समर्थन देने की बात कही है। इसके अलावा कृषि कानूनों विरोध करने वाले कई कृषि संगठनों ने भी आज के इस भारत बंद को समर्थन देने के फैसला किया है। सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य संगठनों ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है।
भारत बंद के दौरान क्या हैं मांगें
भारत बंद के दौरान प्रमुख मांगों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी और इसमें एकरूपता, ई-वे बिल व जीएसटी से संबंधित मुद्दों का समाधान और वाहनों को कबाड़ करने की नीति को अमल में लाने से पहले ट्रांसपोर्टरों के साथ इस बारे में चर्चा शामिल है। संगठन ने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो वे देश भर में परिचालन बंद करने को बाध्य होंगे।
देशभर में 1,500 जगहों पर धरना प्रदर्शन
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा- शुक्रवार को देशभर में 1,500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा। सभी बाजार बंद रहेंगे। 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से जुड़े करीब 8 करोड़ कारोबारी बंद को समर्थन दे रहे हैं।
कौन कौन हैं इस बंद में शामिल
फेडेरेशन ऑफ एल्युमिनियम यूटेंसिलस मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स असोसिएशन, नॉर्थ इंडिया स्पाइसिस ट्रेडर्स असोसिएशन, ऑल इंडिया विमेंन्स एंटेरप्रिनियर्स असोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर असोसिएशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स असोसिएशन आदि।
जीएसटी संशोधन में अधिकारियों को ज्यादा अधिकार, व्यापारियों के लिए मुसीबत
कैट के मुताबिक, पिछले साल 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में कई बदलाव किए गए। इसमें अधिकारियों को बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए। अब कोई भी अधिकारी कोई भी कारण लेकर किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर सस्पेंड या कैंसिल कर सकता है। बैंक अकाउंट और संपत्ति भी जब्त कर सकता है। खास बात यह है कि ऐसा करने से पहले कारोबारी को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। यह कारोबारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
ई-वे बिल में बदलाव से ट्रांसपोर्टर्स और कारोबारी परेशान
एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई-वे बिल नियम से ट्रांसपोर्ट और कारोबारी फिक्रमंद हैं, क्योंकि ई-वे बिल की लिमिट 100 किलोमीटर से बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दी गई है। दरअसल 2021-22 के बजट में ई-वे बिल के सेक्शन 129 में बदलाव किया गया। इसके मुताबिक यदि बिल में कोई गलती होती है, तो टैक्स और पेनल्टी दोनों लगेंगी। साथ ही जो टैक्स पहले वापस हो जाता था, वह अब नहीं होगा। यानी अनजाने में अगर छोटी गलती हो जाए तो पेनल्टी और जुमार्ना दो गुना वसूला जाएगा।
विरोध में बंद रहेंगे ट्रांसपोर्ट ऑफिस
सभी स्टेट ट्रांसपोर्ट यूनियन्स ने भी नए ई-वे बिल कानून के विरोध में कैट का समर्थन किया है। इस दौरान ट्रांसपोर्ट ऑफिस बंद रहेंगे। माल की बुकिंग, डिलिवरी, लोडिंग और अनलोडिंग बंद रहेगी। सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच गाड़ियां पार्क रखने को कहा गया है।