वाशिंगटन। अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह यमन के हुती विद्रोहियों को दिए गए आतंकवादी समूह के दर्जे को समाप्त कर रहा है और यह आदेश 16 फरवरी से लागू हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य मानवतावादी समूहों ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने यमन के हुती विद्रोहियों को आतंकवादी करार देने के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटा है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस फैसले को यमन में चुनौतीपूर्ण मानवतावादी हालात को स्वीकार
करने जैसा करार दिया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के नए प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र,मानवतावादी समूहों, द्विदलीय कांग्रेस के सदस्यों और अन्य लोगों की चेतावनियों पर ध्यान दिया कि यह दर्जा यमन के लोगों के भोजन और ईंधन जैसी मूलभत आवश्यकताओं तक पहुंच को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
यमन अपनी खाद्य सामग्री का 90 प्रतिशत हिस्सा दूसरे देशों से मंगाता है । संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी मिशन के प्रमुख मार्क लोवकॉक ने पिछले माह कहा था कि अमेरिका द्वारा हुती विद्रोहियों को आतंकवादी घोषित करने के बाद से कंपनिया यमन के साथ कारोबार को समाप्त कर रही हैं और इससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अकाल फैल सकता है जैसा की पिछले 40वर्ष में नहीं देखा गया।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने अमेरिका के इस कदम को बेहद सकारात्मक
बताया।
गौरतलब है कि 2014 में हुती विद्रोहियों ने राजधानी सना और देश के उत्तर के अधिकतर इलाके पर कब्जा कर लिया था और सरकार को निर्वासित कर दिया था। अमेरिका नीत सऊदी गठबंधन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने के प्रयास किए थे। दोनों पक्षों को संघर्ष विराम के लिए राजी करने और शांति के लिए बातचीत करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयास निष्फल साबित हुए हैं।