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दिव्यांग रागिनी के हुनर को देख हौसला बढ़ाने कलेक्टर पहुंचे स्कूल, गिफ्ट किया लैपटॉप और मोबाइल, अन्य बच्चों का भी बढ़ाया हौसला

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बालोद से कमलेश वाधवानी की रिपोर्ट
बालोद।
सांकरा (जगन्नाथपुर) हायर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार को कलेक्टर जन्मेजय महोबे व डीईओ आरएल ठाकुर का आगमन हुआ। कलेक्टर यहां एक दिव्यांग छात्र कक्षा 12वीं आर्ट्स की रागिनी साहू से मिलने पहुंचे थे। जिनके हुनर व हौसले का सम्मान करने के लिए आए थे। बता दें कि रागिनी एक अजीबोगरीब बीमारी से ग्रसित है। जिसकी वजह से उसके शरीर की हड्डी बहुत लचीली है। उसके शरीर का विकास भी पूरा नहीं हो पा रहा है। वह मुश्किल से डेढ़ से 2 फीट लंबी है और उनके हाथ पैर मुड़े हुए हैं। वह चल भी नहीं पाती है। मम्मी पापा उसे गोद में उठाकर छोटे बच्चों की तरह स्कूल लाते हैं फिर पढ़ाई के बाद उसे स्कूल से घर ले जाते हैं। ऐसा करते-करते वर्षों बीत गए और आज यह बच्ची कक्षा पहली से पढ़ते-पढ़ते 12वीं तक पहुंच गई। 12 साल के संघर्षों में सफलता के कई मुकाम भी रागिनी हासिल की है। चित्रकला , गायन व पढ़ाई तीनों क्षेत्र में वह अव्वल रही और इसी के चलते रागिनी की प्रेरक कहानी स्कूल शिक्षा विभाग के पढ़ाई तुंहर दुआर पोर्टल पर भी प्रकाशित हुई थी। जिसे उनके ही स्कूल के राज्य ब्लॉग लेखक व्याख्याता विवेक ध्रुवे ने लिखा था। जब इस बेटी की चर्चा सिर्फ बालोद ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में होने लगी तो उनसे मिलने के लिए कलेक्टर से भी रहा नहीं गया और वह उनसे मिलने आखिर आ पहुंचे और इस पल को यादगार बनाने के लिए कलेक्टर ने छात्रा को मोबाइल ही नहीं बल्कि लैपटॉप तक गिफ्ट कर दिया। ऐसा पहला अवसर है जब किसी हुनरमंद बेटी को इस तरह से स्वयं कलेक्टर द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए उनके पास जाकर उन्हें लैपटॉप दिया गया हो। तो वही कलेक्टर ने यह वादा भी किया कि रागिनी की पढ़ाई में आगे जो भी परेशानी आएगी उसे हम दूर करेंगे। जो भी खर्च होगा उसका वहन करेंगे। वह जो बनना चाहती है, बने। लैपटाप पाकर रागिनी बहुत खुश हुई और अच्छे से पढ़ाई करने की बात कही। कलेक्टर जब क्लास में पहुंचे तो रागिनी अलग से टेबल में बैठकर पढ़ाई कर रही थी। पहले उन्होंने रागिनी से उनका नाम पूछा। जब उसने नाम बताया तो कलेक्टर ने कहा कि रागिनी नाम का अर्थ जानते हो ना। तो बेटी कहने लगी रागिनी का अर्थ होता है मधुर। कलेक्टर ने फिर उनसे संविधान के बारे में पूछा कि हमारा संविधान कब लागू हुआ था। झट से रागिनी ने जवाब दिया 1950। कलेक्टर ने उनके टैलेंट को भांप लिया और ताली बजाने लगे। इसके बाद उन्होंने लैपटॉप गिफ्ट किया तो डीईओ ने मोबाइल गिफ्ट किया। इस दौरान मौजूद स्कूल के प्राचार्य एनके गौतम सहित अन्य शिक्षकों ने भी रागिनी के हुनर की तारीफ की मौके पर रागिनी की माता व पिता को भी बुलाया गया था।उनके संघर्ष की कलेक्टर ने भी सराहना की व उन्हें पढ़ाई में आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया।
अन्य बच्चों को भी किया प्रोत्साहित उनकी पूछी समस्या
रागिनी से मिलने के बाद कलेक्टर स्कूल परिसर में मोहल्ला क्लास के तहत पढ़ रहे अन्य बच्चों के बीच भी पहुंचे। बता दें कि गुरुवार को कलेक्टर आने वाले थे। 2 दिन से इंतजार करते कलेक्टर से मिलने को उत्सुकता बच्चों में थी। कलेक्टर ने उनके बीच जाकर उन सभी बच्चों का हौसला बढ़ाया और एक अच्छा करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को लेकर भी सवाल जवाब किया। कुछ बच्चों ने अंग्रेजी को लेकर समस्या बताई। कलेक्टर ने कहा कि आपको व्याकरण और भाषा का ज्ञान बहुत जरूरी है। अगर हम किसी चीज को रट्टा मारते हैं तो वह कारगर साबित नहीं है। उसे समझने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों को भी कहा कि भाषा, गणित और अंग्रेजी इन तीनों चीजों पर ज्यादा फोकस करें। एक छात्रा ने स्पोकन क्लास शुरू करने की भी मांग की। जिस पर कलेक्टर ने संबंधित शिक्षकों को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
जर्जर भवन व कमरों की कमी की रखी समस्या
प्राचार्य एनके गौतम सहित अन्य शिक्षकों ने जर्जर भवन की समस्या भी बताई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज ही उन्होंने अतिरिक्त भवन निर्माण के लिए भी मांग शिक्षा विभाग को भेजे हैं। इस दौरान मौजूद व्याख्याता वाणिज्य विवेक धुर्वे को देखकर कलेक्टर कहने लगे कि आप तो कार वाले गुरु जी के नाम से फेमस हो गए। इसी तरह मेहनत करते रहिए। इस दौरान प्रमुख रुप से व्याख्याता टीआर ठाकुर, पीआर देशलहरे, लोचन देशमुख, अजय शर्मा, अमित श्रीवास्तव, आई एल लेंडिया, एच एल जोशी, सीपी साहू, मनहरण डहरे, जीआर देशमुख, एम एल गौतम, एसआर ठाकुर, सुलेखा बेलचंदन, ललिता सोरी, संगीता देशमुख, दिव्या, कल्पना, दुर्गा सिन्हा मौजूद रहे। कलेक्टर ने बच्चों को शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी सुझाव व समस्या पूछी कि हम क्या बेहतर करें ताकि आपको पढ़ाई में कोई दिक्कत का सामना ना हो। उन्होंने भाषा की महत्ता बताई। अंग्रेजी को ज्यादा ध्यान देने की बात रखी। इसके अलावा प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए भी उन्होंने प्रेरित किया।