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मुख्यमंत्री पटनायक के आग्रह पर एनएमए ने वापस ली जगन्नाथ मंदिर की उपनियम अधिसूचना

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भुवनेश्वर/पुरी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बीजद एवं भाजपा के सांसदों ने सोमवार को केंद्र से राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा जारी मसौदा उपनियम अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह किया है, जो पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विकास कार्य को प्रतिबंधित करती है। उनकी मांग के बाद यह अधिसूचना सोमवार को वापस ले ली गई है। एनएमए ने सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए कहा है कि कुछ तकनीकी खामियों के चलते मसौदा उपनियम अधिसूचना को वापस लिया गया है और संशोधित नोटिस बाद में जारी किया जाएगा।
अधिसूचना को लेकर राज्य भर में तीव्र आक्रोश
इससे पहले, एनएमए की अधिसूचना को लेकर राज्य भर में तीव्र आक्रोश है। भाजपा और बीजद सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से अलग-अलग मुलाकात की है, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि आदेश वापस ले लिया जाएगा। पटनायक ने पुरी में संवाददाताओं से कहा है कि भगवान जगन्नाथ के काम को कोई नहीं रोक सकता है। केंद्र सरकार को उपनियम अधिसूचना वापस लेनी चाहिए। पटनायक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगे प्रतिबंध हटाए जाने के बाद पहली बार 12वीं शताब्दी के मंदिर आए थे।
लोगों ने अपनी जमीनें दान दीं
मुख्यमंत्री ने पुरी के स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया है। जिन्होंने जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (एसजेएचसी) परियोजना के लिए अपनी भूमि दी है। यह परियोजना मंदिर की सुरक्षा और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए है। राज्य सरकार पुरी मंदिर की चारदीवारी से 75 मीटर की दूरी पर विकास परियोजनाएं चला रही हैं, जिसके लिए लोगों ने अपनी जमीन दान दी है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में पटेल से मुलाकात के बाद, केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा है कि केंद्र सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि मंदिर के आसपास हो रहे विकास कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री से की मुलाकात
भाजपा ने सारंगी के हवाले से जारी एक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान जगन्नाथ के भक्त हैं और वह पुरी में किसी को भी समस्या उत्पन्न नहीं करने देंगे। सारंगी ने यह भी कहा है कि एनएमए मसौदा उपनियम रिलीज जारी करना एक नौकरशाही की त्रुटि थी जिसे गलती से जारी किया गया है और इसे जल्द ही वापस ले लिया जाएगा। बीजद सांसदों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने संसद में केंद्रीय संस्कृति मंत्री से भी मुलाकात की और पुरी के लिए एनएमए मसौदा उपनियम को समाप्त करने की मांग की है।
00 राज्य सरकार ने जनता से सुझाव-टिप्पणियां आमंत्रित की
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री ने बीजद प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि इसे वापस ले लिया जाएगा। हमने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार मंत्री से मुलाकात की है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एनएमए ने अपनी वेबसाइट में पुरी के आस-पास के क्षेत्रों के साथ केंद्रीय संरक्षित स्मारक और सहायक तीर्थस्थलों का मसौदा विरासत उपनियम प्रकाशित किया है और 18 फरवरी तक जनता से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।