स्वतंत्र तिवारी
मुंगेली/ मुंगेली को जिला बने लगभग 7 वर्षो से अधिक हो गये है परंतु जिले, जनता और उनकी समस्याओं से यहां के अधिकारियों को कोई सरोकार नही है विशेषकर मुंगेली के लोक निर्माण विभाग को, क्योंकि विभाग के अधिकारी कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी जिला मुख्यालय मुंगेली में रहने की बजाय अपने निवास स्थान अन्य जिलों से आना जाना करते है और मींटिग या फील्ड वर्क का बहाना बना कार्यालय से गायब रहते है अभी हाल ही में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के पहले भी यही स्थिति थी, कि किसी न किसी बहाने से हमेशा एसडीओ कार्यालय से नदारद रहते थे और जब चुनाव का समय आता था तो उपस्थिति अनिवार्यता के चलते वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष अपनी उपस्थिति देते थे। अब तो लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गये है ऐसे में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग को अपने कार्यालय में बैठना चाहिये परंतु चुनाव के बाद से एसडीओ गायब है और जो भी समस्या बताने या जानकारी लेने जाता है तो उसे निराशा ही हाथ लगती है, कार्यापालन अभियंता से शिकायत करने पर वे भी खुद को एसडीओ के खिलाफ कार्यवाही करने असमर्थ बताते है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग पर किस प्रकार अंकुश लगाया जाये समझ से बाहर है। मुंगेली क्षेत्र की बहुत सारी ऐसी सड़के है जिनकी शिकायतें व जानकारी के लिये अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग का कार्यालय में होना अनिवार्य है क्योंकि उनकी अनुमति के बिना कोई भी कर्मचारी जानकारी नही देता, अब देखना है कि जिला प्रशासन या उच्चाधिकारियों के द्वारा इस मामले में क्या कार्यवाही की जाती है ?